मंगलवार, 11 जून 2019

MATTER 1388 SHRISHTIBHAARAT AFTER RAAMAAYAN MAHAABHAARAT AND BHAAGVAT..जिसका केन्द्र व आधार वैश्याव्रित्ती, गुलामी, श्रमलूट, व हत्या को कर्तव्य, आज़ादी, समान अधिकार, व अमरता में परिवर्तित करना है


एक आदमी सबकी मानता दुख दर्द सैहैता करता मरता बांटता आ रहा था
उसे लोगों की बातें गलत लगती पर वह उसे पूरी तरह वयां नही कर पा रहा था ना ही रोक पा रहा था
कुव्य्वस्थापकों के छुपाने के कारण उसे उस गलत की शुरुआत व अन्त नजर नही आ रहा था
पर 35 सालों तक साडे चार खरब सालों के हत्यातन्त्र को खोजते खोजते वह उस गलत की शुरूआत से अन्त तक का नक्सा बनाने में सफ़ल हो गया
उसने उसका नक्सा बनाया और अपने दुख, दर्द, हत्या से सुरक्षा के उपाय करने के प्रयास करने लगा
जब उसे और शक्तिशाली होने की जरूरत लगी तो उसने और लोगों को भी अपने साथ लेना जारी रखा
उसने मानव सहित सभी प्राणियों व उनकी आबादी को अपने साथ ले लिया
और सभी के दुख दर्द हत्यायें रोकने के लिये सभी को जानकारियां देने लगा
तभी सभी गलत करने वाले लोगों ने उसे अपना भविष्य का शत्रू मान कर उस आदमी की हत्या करने के प्रयास तेज़ कर दिये
उस आदमी ने अपने जीवन का उद्देश्य हत्यासमर्थकों को हत्याविरोधी बनाने में समर्पित कर दिया
वह आधुनिक तकनीकी के साथ ये काम करने लगा
उसने जड से अन्त तक का नक्सा चक्र बना लिया
उसने उसे डीसिस्ट्म यानी कुव्यवस्था का नाम दिया
और इसे उलट कर
द मैनेज्मेन्ट औफ़ लाइफ़ इन ओमनी
यानी सिस्टम रख दिया
अब डीसिस्टम उस आदमी पर छुप कर हमले करना जारी रखे हुये था
डीसिस्टम इन पुद्दों पर साक्ष्य सहित बात नही कर रहा था
अपने लोगों से बिना साक्ष्य विभिन्न आपराधिक हरकतों द्वारा हमले करवाता रैहैता था
जलील कर कुकर्म जारी रखने के लिये अमरता का गाना गा गा कर अपने जलील हथियार से प्रहार करता आ रहा था
साथ ही घोर हत्याओं के लिये अन्गिनत षडयन्त्र जारी रखे हुये था
जब इस की गैहैराई से खोज की गई तब इसका कारण पता चला,  पता चला कि कुछ लोग खुद को अन्यों से अलग राजसी, शाही, रोयली मान कर लेना, लूटना, छीनना, भोगना, ओडर देना, सवारी करना, व शिकार करना ही चाहते है
देना, दान, कर्तव्य, काम, समानता, कानून मानना आदि मामला बनने पर वह भुलाने, डराने, कतल करने, झूठा मुजरिम बनाने, जैहैर द्वारा बीमार व जलील करने, यातना देने, दुर्दसा करने के लिये हथियारों की तरह इस्तेमाल करने का षडयन्त्र करते आ रहा था
जिस की जड में जाके खोज करने पर पता चला कि समानता की व्यवस्था के तैहैत दुर्घटना व प्राक्रतिक आपद के प्रावधानों के तैहैत जो जो राहत दी जाती है गलत लोगों द्वारा उन राहतों को सामान्य स्थिति में पाने के लिये जान बूझ कर घटनाओं को अन्जाम देना जारी रखा था 
पाया गया कि कुछ लोगों ने खुद को कमजोर असक्षम बीमार बनाने के लिये आहार लेना बन्द कर दिया जैहैर खाना शुरू कर दिया काम बन्द कर दिया वैश्याव्रित्ती को व्यवसाय की मान्यता दे हत्यासमर्थन जारी रखा
एक डर व विकार सहित सोच के तैहैर वह 30 व 40 साल के बाद हर मानव का स्लोमर्डर के लिये स्लोपोइजन द्वारा षडयन्त्र जारी रखे हुये थे
तो जड पकड में आ गई की गलत लोग अपनों की झूठी सुरक्षा व काम से बचने के लिये ये लोग कतल करते आ रहे थे
और इन कतलों को भगवान ने किया है भगवान को दोषी भी बनाते आ रहे थे
अब हत्यारों रक्षकों के बीच सीधा सा सवाल बनता है
कि हत्या होनी चाहिये या नही
विश्व व्यवस्था पिता गुरू आर्यवर्शियों, उनके वन्सजों, समर्थकों, शिकारों, सहयोगियों ने 814 साल बाद दूसरे 5 वर्षीय सैसन में नाम मात्र तमासायी जीत हासिल कर ली
पर सत्य ये है कि हत्या रोकने वाले विभागों में अभी भी हत्या समर्थकों ने अपने आदमी बैठा कर हत्याविरोधियों की हत्यायें और शान्ती तकनीकी व असरदार तरीकों से जारी रखी हैं
इस तमासे को जानते हुये भी वह आदमी मौजूदा लोगों को साथ लेकर कुव्यवस्थापकों व उनके आदेश पालकों द्वारा की जाने वाली हत्याओं का विरोध करने लगा
उसने कुव्यवस्थापकों व उनके आदेश पालकों को सुधरने व ना सुधरने पर घोर हत्याओं के लिये म्रित्यूदण्ड व पुन; स्म्रिति व व्यवस्था ग़्यान स्थापित करने का आदेश दे दिया
अब वह इन्सान ये चाहता था कि विश्व परिवर्तन की कारावाही में युद्ध, हिन्सा, झडप, हाथापाई, जखम, जोर ज़बर जस्ती आदि अमानवीय से लगने वाले तत्वों का इस्तेमाल ना हो या कम से कम हो
दूसरा उसे असक्षम बनाने के लिये उस पर उसके सामान सुविधाओं की लूट हो रही थी
इस लिये उसे ये कारावाही करने में देर व ज्यादा समय लग रहा था
इस आदमी ने कथा, कहानियों, चैप्टरों, क्लोजों के तैहैत की जाने वाली हत्याओं को गलत साबित किया व माना
इस आदमी ने कथा कहानियों चैप्टरों क्लोजों प्रसारणों आदि के माध्यम से हत्याओं को करने के लिये प्रोफ़ैसनल किलर्स फ़ोर्स को पैदा करने को गलत साबित कर गलत माना
उसने साक्ष्य दिये कि जिन सीमाओं में हत्याविरोधी व्यवस्थायें हैं  वहा की आबादी, सन्सक्रिति, शक्ती, शान्ति, पवित्रता, दीर्घायू, स्वस्थता, तकनीकी विज्ञान, इमानदारी, सभ्यता व काम सबसे ज्यादा है जिसमे आर्यवर्ष व चीन प्रमुख हैं
उसने धरती के करीब 100 प्रतिशत हिस्से पर करीब 100 प्रतिसत मानवों को इस विषय मे सन्तुष्ट किया व अपनी हत्याविरोधी व्यवस्था के लिये खामोश कर नैतिक न्यायिक प्रसन्सनीय सहमति प्राप्त की पर इन खामोश लोगों में कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने परमेश्वर का झूठा नाम इस्तेमाल कर काम से समानता से कानून से बचने का काम आतन्क द्वारा जारी रखा था
जिन से व्यवस्थाई, समानता, जीवन, सार्वजनिक आदि विषयों पर अपना पक्ष रखना व उसमें बढत हासिल करने का अवसर दे कर उन्हें हत्याविरोधी विश्व व्यवस्था का अन्सधारक घोषित करना बाकी था 
इस हत्याविरोधी विश्व व्यवस्था को करने के लिये विश्व के 13 प्रयासरत जोशीले शाशकों को चुना गया है
इनमें कुछ हत्यासमर्थक भी है जिन्हें उनके साथ के लोगों द्वारा हत्याविरोधी आचरण का  बनाया जायेगा 
अब हर प्राणी समानता से वैभव भोगने व व्यवस्थाई कर्तव्य निभाने के लिये अधिक्रित व तैय्यार है
रेस, कोम्पटीसन, वार, हत्या, मार्केटरिस्क आदि का जड सहित अन्त हो चुका है
अब ये मात्र वैभवी मनोरन्जन का माध्यम मात्र हैं
धरती पर हत्यारहित व्यवस्था की कारावाही जारी है
जो कि रामायण, महाभारत, भागवत व अन्य वेद व पुराणों के उपरान्त इनका विस्तारित श्रीष्टिभारत के नाम से लिखा व लागू किया जाना जारी है
जो कि सभी महापुराणों व अन्य ग्रन्थों से असरदार तेज़ हत्याविरोधी महिलादुर्दसाविरोधी होने के कारण सभी प्राणियों व मानवों के लिये श्रिष्टिपुराण के नाम से उपलब्ध है 
जिसका केन्द्र व आधार
वैश्याव्रित्ती, गुलामी, श्रमलूट, व हत्या को
कर्तव्य, आज़ादी, समान अधिकार, व अमरता में
परिवर्तित करना है
ये उद्देश्य प्रत्येक प्राणीव्यवस्था का आधार, लक्ष्य, श्रोत, माध्यम है   
ये आधुनिक हत्यामुक्त समान विश्वव्यवस्था है
प्रत्येक मौजूदा कानून इसके लक्ष्यों को पूरा करने के लिये इसके तैहैत परिवर्तित किया जा चुका है जो किताबों में ज्यों का त्यों दिखता है पर हमारे समक्ष मामले की सुनवाई के बाद फ़ैसला इसी बदले हुये के अनुसार होगा स्थापित करता है
जिस इन्सान को ईश्वर ने इस कारावाही के लिये चुना जिस इन्सान ने इस मामले पर ध्यान दिया, ये सब सहा, देखा, सुना, समझा, किया, लिखा, लागू किया, उसका नाम कलियुग का श्रीराम यानी कलिराम उर्फ़ होट्वपुन्सक्जी है
जिसका मतलब   ईश्वर समान   ईश्वर का ही   आदि अन्त रहित   अनन्त   अन्स है
ये ही हर प्राणी में भी है
समस्या इस श्रिष्टिविधान को अन्श मात्र भी बदलने पर जन्म लेती है
बालने वाला ही दोषी है दन्ड योग्य है
ये ही है अनन्त हत्या हर पल रोकने का शुद्ध तेज़ विधान
यानी कौन्स्टित्यूसन औफ़ ओमनी
जय श्रिष्टि, जय प्राणी, जय मानवता
विश्व प्राणी न्याय व्यवस्थापक
श्याडो

बुधवार, 5 जून 2019

MATTER 1385 वरना इनके आर्यवर्षी भक्त अपने दण्ड विधान के तैहैत ना गिरफ़्तारी करेंगे,, ना सुनवाई,, सब कुछ बिजली की रफ़्तार से करेंगे,, दिखेगे बस कसाई

आर्यवर्ष बेबस नारियों का निकेतन नही
कि जिसका मन आया, आ घुसे
जब तक मन करे, बलात्कार करे
शाहपन झाडे
और बलात्कार, गुमामी, हत्यायें करते रैहैने के लिये
अपने जल्लादों को बक्सीस में देकर कर दूर बैठ तमाशा देखे ।
ये झांसी की रानियों, काली व दुर्गाओं का गड है
दुबारा अपनी शकल मत दिखाना
वरना इनके आर्यवर्षी भक्त अपने दण्ड विधान के तैहैत
ना गिरफ़्तारी करेंगे,, ना सुनवाई,, सब कुछ बिजली की रफ़्तार से करेंगे,, 
दिखेगे बस कसाई
जय श्रिष्टि, जय मानवता
विश्व प्राणी न्याय व्यवस्थापक
श्याडो

मंगलवार, 4 जून 2019

MATTER 1184 आर्यवर्ष को रही है खा ,,, अंगरेजिन, महिला और शाह


आर्यवर्ष   को    रही   है   खा
अंगरेजिन, महिला और शाह


सौदे  पैसा  पोवर सब जब होगा इनके हाथ
पिट-लुट जुत-मर आर्यों को देना होगा साथ

कहां है आर्य की प्रभुता व समान अधिकार
अब भी पोवर में ये ही है आर्य राज़ बेकार

MATTER 1383 यदि आप ताकतवर, सम्मान देने वाले, प्यार करने वाले सरारतें माफ़ करने वाले आज़ाद रखने वाले अमीर इन्सान को अपनी उगलियों पर नचाना चाहती हैं अपनी जिन्दगी में जगह देना चाहती हैं तो नाचीज़ हाजिर है



https://youtu.be/TP8XUtW4Ipk?t=100
''ये नहीं कि पलट कर देखें वापस''
यूं तो ये बात आपने हर जवान दिल के लिये कही है पर हम इसे अपने लिये कही गई समझ कर रीप्लाई ओफ़र दे रहे है
हम आप को सच मुच कई महीनों से देख व पसन्द कर रहे थे
यदि आप ताकतवर, सम्मान देने वाले, प्यार करने वाले सरारतें माफ़ करने वाले आज़ाद रखने वाले अमीर इन्सान को अपनी उगलियों पर नचाना चाहती हैं अपनी जिन्दगी में जगह देना चाहती हैं तो नाचीज़ हाजिर है
हमारी सिर्फ़ एक शर्त है कि इसी तरह आप जन्म जन्मान्तरों तक हमें अपने कायाजाल में फ़ंसाये रखेंगी
आप के हां करते ही एक फ़्लैट एक गाडी एक मोबाइल और जीवन भर का खर्च आप को दे दिया जायेगा
हमारे विषय में जानने के लिये इस लिन्क पर क्लिक करें nik name AVI
https://shyawhdo.blogspot.com/2010/09/blog-post_7351.html

रविवार, 2 जून 2019

MATTER 1382 सन्घारी ने फ़िर ................. कुशिक्षा दी कि धरतीमालिकों को उनकी रक्षा के लिये नियुक्त किया गया है



सन्घारी ने फ़िर सन्घारी हरकत करते हुये धरतीमालिकों को भ्रमित व गुमराह करने के लिये कुशिक्षा दी कि
धरतीमालिकों को उनकी रक्षा के लिये नियुक्त किया गया है 

MATTER 1381 साथ जीना मरना खाना पीना सोना जरूरी था [तेरी आंखो के दरिया का उतरना भी जरूरी था]