गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

Release 1020B धरती वासियों द्वारा अपनी जानकारी देने का तरीका



धरती वासी अपनी जानकारी इन सवालों का जबाब दे कर देने का कष्ट करें
हर सवाल के साथ एक नम्बर दिया जा रहा है
आप केवल नम्बर लिख कर अपना जबाब लिख सकते है
पहले सवाल का नम्बर लिखें
फिर सवाल का जबाब
यदि ये बात समझ ना आये तो यहां
जानकारी भरने का उदाहरण
पर क्लिक करके
और एक धरती वासी द्वारा दी जा चुकी अपनी जानकारी का उदाहरण आप देख सकते है
यदि आप किसी सवाल का जबाब नही देना चाहते तो आप आजाद है,
हर सवाल का जबाब उस सवाल से सम्बन्धित सुविधा को आपको देने के लिये पूछा गया है
इसके अलावा आप अपनी मरजी से अपने अन्दर हुनर व में ये भी कर सकता हूं इस आत्म विश्वास की कोई भी जानकारी हमे दे सकते है


  1. आपका नाम क्या है
  2. आपका पता क्या है
  3. आपकी उमर क्या है
  4. आपके टेलीफोन नम्बर क्या क्या हैं
  5. आपके मोबाइल नम्बर क्या क्या हैं
  6. आपके ईमेल एड्रेस क्या क्या हैं
  7. आपका लिंग क्या है
  8. आप कितने पढे लिखे हैं
  9. आप क्या काम करते है
  10. आप क्या क्या काम कर चुके है
  11. आप कितना कमा लेते है
  12. समय मिलने पर आप क्या क्या करना पसंद करते है
  13. दुनिया मे कौन कौन सी बातें आपको बिल्कुल पसन्द नही है
  14. कौन कौन सी बातें आपको मजबूर कर रही है
  15. अपना पूरा फोटो लगायें जिसमे पूरा शरीर साफ नजर आये
  16. आपका कद कितना है,
  17. आपका वजन कितना है
  18. आपके शरीर मे कौन कौन से अंग काम नही कर पाते
  19. आपका अपना घर है या किराये का
  20. अपना है तो कितनी ज़मीन पर कितना मंजिल बना है
  21. किराये पर है तो कितनी जमीन पर बना हुआ है कितना किराया देते हो
  22. यदि अपनी कच्ची झुग्गी है तो कितनी जगह मे है
  23. यदि किराये की झुग्गी है तो कितनी जगह मे कितना किराया देते हो
  24. यदि सरकारी सामूहिक जनता का घर है तो कितनी जगह मे है कितना किराया देते हो
  25. यदि फुटपात पर या पुल जैसी जगहों पर रहते हो तो पता बताओ
  26. यदि सरकारी मकान कोठी बंगला आदि जगह मे रहते हो तो कितनी जगह कितने मंजिल है
  27. आपके द्वारा पालन पोषण किये जाने वाले सदस्यों की पूरी जानकारी क्या क्या है 
  28. आप किस जन सेवक को सबसे ज्यादा पसंद करते है और क्यों
  29. क्या आप किसी से इस लिये लडे है कि वह दूसरे धरम का है   
  30. आप किन किन सवारियों क्या इस्तेमाल करते है, आप इनमें से चुन सकते है, सरकारी यातायात, साइकिल, दो पहिये वाला वाहन, चार पहिये वाला वाहन, वायु वाहन, या कुछ और
  31. आप किस जन सेवक को बिल्कुल पसन्द नही करते और क्यों
  32. आप खबरें कैसे सुनते है यानी खबरे जानने के लिये किन किन तरीकों का इस्तेमाल करते है, जैसे न्यूज़ पेपर, टी.वी.,मोबाइल फोन, रेडियो, इंटरनेट या किसी और तरीके से
  33. आपके द्वारा पशु प्रेम, या पशु धन, पशु यातायात, या किसी और कारणों से पाले जाने वाले पशुओं का क्या क्या विवरण है,
  34. सरकार द्वारा जनता को दी दा रही सुविधाओं मे से आप किन किन सुविधाओं की शिकायत करना चाहते है हम आपकी सहायता के लिये सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं को आपके सामने पेस कर रहे है आप इन सुविधाओं मे से अपनी शिकायत की सुविधा चुन सकते है, काम, घर, सुरक्षा, यातायात, इलाज, उत्सव स्थान, पार्क, शिक्षा, मनोरंजन, सफाई, कूडा, नाली, पुलिस, कोर्ट, टैक्स, फोन, बिजली, पानी, बाजार, रोड, चोरी, लूट, ठग, वसूली
                  
  
  
               

  
         

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

22.12.2010 लेख न.1020 श्री बाराक ओबामा जी द्वारा हमे जबाब मे भेजे गये मेल हमे अर्थहीन, हमारा मन पढने का माध्यम, और शायद सौदे के ओफर के पीछे चलाने की चाहत से ज्यादा कुछ नही लगे ये मेल धरती वासियों की अमानत है... इसे ही भवसागर से तरना यानी मुक्ति कहते है...

लेख न.1020
 
हमारे जबाब किसी को अपमानित करने के लिये नही
अपनी विचारों को प्रकट करने के लिये है  
अपने को धरती का राजा कहने वाले
अमेरिका के वाइट हाउस मे रहने वाले
श्री बाराक ओबामा द्वारा हमे जबाब मे भेजे गये मेल
हमे अर्थहीन, हमारा मन पढने का माध्यम, और शायद सौदे के ओफ़िर के पीछे लेने वाली चाहत से ज्यादा हमे कुछ नही लगे
ये मेल धरती वासियों की अमानत है
हम धरती वासियों को देते है
वो समझ कर अपनी राय दें
कि हमने जो समझा वो कितना सही कितना गलत है
मेल देखने के लिये यहां क्लिक करें ....
गूगल द्वारा हिन्दी मे ट्रांसलेट किया हुआ देखने के लिये यहां क्लिक करें.....

अपने को धरती का राजा कहने वाले अमेरिका के वाइट हाउस मे रहने वाले श्री बाराक ओबामा द्वारा हमे जबाब मे भेजे गये मेल हमे अर्थहीन, हमारा मन पढने का माध्यम, और शायद सौदे के ओफ़िर के पीछे लेने वाली चाहत से ज्यादा हमे कुछ नही लगे ये मेल धरती वासियों की अमानत है हम धरती वासियों को देते है वो समझ कर अपनी राय दें कि हमने जो समझा वो कितना सही कितना गलत है मेल देखने के लिये यहां क्लिक करें ....गूगल द्वारा हिन्दी मे ट्रांसलेट किया हुआ देखने के लिये यहां क्लिक करें.....इस जबाब के बाद हमे परम पावन व पूजनीय श्री रामायण जी का वह व्यंग याद आ गया जिसमे श्री जामवंत जी ने श्री हनुमान जी को उनकी शक्तियाँ याद कराते हुये कहा कि जब आप इस जन हिताय परम कर्तव्य का पालन करने के लिये आगे बढेंगे तो रास्ते में आपको अपना कर्तव्य पूरा करने से रोकने के लिये हर सुख सुविधा का खजाना निः शुल्क उपहार मे मिलेगा, वह इतना आकर्षक होगा कि आप तब तक उस के कब्जे मे रहेंगे जब तक जांच ना कर लो, जांच करके ही तुम यकीन कर सकते हो कि वह मायावी है या सत्य, तब श्री हनुमान जी ने पूछा हे श्रेष्ठ हमे जांच का उपाय बताओ, श्री जामवंत जी ने उनके कान मे गुप्त रूप से बता दिया, आज ये गुप्त रूप से दी गयी जानकारी हम जन हित के लिये सत्यता धारण करके धरती वासियों को उनके हित के लिये बता रहे है, यहां इस जानकारी को धरती वासी श्री हनुमान जी के समान अपना कर्तव्य पूरा करने के लिये इस्तेमाल कर सकते है, ताकि वे अपने कर्तव्य का पालन करते हुये मायावियों की माया से अपनी रक्षा कर सकें, इस जानकारी की व्यवस्था ईश्वर द्वारा ऐसी की गई है, कि जरूरत मे ये खुद ब खुद अपना काम करेगी, व जरूरत ना होने पर आपको याद तक ना रहेगी, इसका प्रकासन ईश्वर को थोडा नाराज़ कर देगा, पर क्यों कि समय आ चुका है, धरती वासियों को अपनी सुरक्षा के लिये धरती वासियों को देना हमे जरूरी लग रहा है, इस लिये हम ईश्वर की थोडी सी बात ना मान कर बता रहे है, जिसका घातक परिणाम हम भुगतने को तैयार है
हे धरती वासियों शुरू करो   
हे परम शक्तिशाली परमात्मा में तेरी की कसम खा कर कहता हूं
कि मे इस यंत्र का उपयोग छल के लिये कभी ना करूँगा
मुझे इसका पूर्ण भावार्थ समझने के लिये दिव्य बन्ध से मुक्त करें    
इस यंत्र का छलिया इस्तेमाल ना कर सके
इसकी सुरक्षा के लिये इसमे समान वितरक शब्द प्रणाली द्वारा
 ईशवर द्वारा दिये गये दिव्य बन्ध का इस्तेमाल किया जा चुका है
जो छलिये की पहचान करके किसी भी शब्द के अभिप्राय को फेल कर देगा
छलिये की समझने की हर कोशिश उसका मानसिक संतुलन कम करेगी       
बुरी भावना से इसे प्राप्त करने वाला अपने नुक्सान का खुद जिम्मेदार होगा
 इसे आज आसानी से समझने वाले शब्दों द्वारा पेस किय जा रहा है
स्नातक मुनियों से अनुरोध है
कि मर्यादा के तहत भावार्थ पर ही ध्यान दें
और हमे माफ करें

  1. इंसान अपने शरीर मे मौजूद जानकारी के आधार पर सही गलत का फैसला करके सही और गलत मे किसी एक को स्वीकार करता है
  2. मायावी जब अपने माया जाल मे आपको फंसाने की कोशिश करता है तो उसका सबसे पहला काम आपके शरीर मे मौजूद जानकारी को कुछ समय के लिये भुलवाना होता है
  3. जिसके लिये वह आपकी पसन्द और ना पसन्द को जानने के लिये प्रयत्न के तहत आपसे सामान्य बातें करता है
  4. आपकी जानकारी का स्तर जानने की कोशिश करता है
  5. वह आपके अंगों के लक्षणों से जबाब लेता है
  6. जिसमे नजरें 90% तक सफल जानकारी उगलती हैं    
  7. यदि वह सफल हो गया तो वह आपकी पसन्द की चीजों का हैरतंगेज़् प्रदर्शन करेगा,
  8. जिसमे आज के समय मे विशाल रैली, बिग होर्डिंग, बोर्ड, हाई वोल्यूम फास्ट म्यूज़िक, चीअर्श गर्ल  सेलिब्रेसन, शानोशोकत से भरी पार्टी,  स्टाइलिस्ट स्पीच, हाईटेक कम्यूनिकेसन, न्यूज पेपर, टी वी प्रोग्राम, समाचार, इन्टरनेट, मोबाइल, मूवाव यानी मूल्य वान वस्तु, बडी इमारतें, विशाल इंफ्रास्ट्रकचर, नाइट सो, गेम्स, फस्ट क्लास कन्विनियंस, ज्वेलरी, लेजर लाइटिंग़, फैशन, प्रतियोगितायें, व्यर्थ उपहार, जूआघर, मद्शाला, दासी व दास शालायें, सिनेमा घर ,थिएटर ,यूनिवर्सिटीज़्, स्टेडियम, लाइट सो, फिल्में, रंगीन किताबें, भूमि व भव्य शिविर, आदि होती हैं,       
  9. ईश्वर का सिद्धांत है कि यदि आपके साथ पहली या दूसरी बार ये हो रहा है, और आप अकेले है, तो आप अपने को बचा नही पायेंगे,
  10. हैरान होते ही आप उस मायावी इंसान के वस मे हो जाओगे, और तब तक उसके वस मे रहोगे जब तक उसका प्लान सफल ना हो जाये,   
  11. इस दौरान आपका आत्मविश्वास समाप्त हो जायेगा, आपकी मानसिक शक्ति समाप्त हो जायेगी, आप पूरी तरह उसके वस मे हो जायेंगे, जो वो चाहेगा आप वो ही करेंगे,
  12. शरीर की इस परिस्थिति को जन्म के दौरान की जानकारी यानी (जकेदौकीजा) के नाम से जाना जाता है              
  13. और मायावी इसी जकेदौकीजा के समय के बीच अपना प्लान सफल करते हैं
  14. आज ये समय कुछ मिनट से आजीवन काल तक का बनाया जा चुका है
  15. हर इंसान आज करोडों मायावी जालों मे फसा हुआ है जिसमे इंसान की कोई गलती नही है  
  16. जिससे वह खुद चाहने पर ही छूट सकता है
  17. ऐसा धोखा करके कमाने के बाद धोखे से गवाने पर होता है 
  18. इसे ही भवसागर से तरना यानी मुक्ति कहते है    
  19. इस परिस्थिति से बचने के लिये मायावी के प्रभाव के सम्पर्क मे मत जाओ
  20. कभी भी अकेले ना रहो
  21. अपने धर्म को सदा नियमित पूजते रहो
  22. यदि काम मे ये सम्भव ना हो तो लिखित मे ही लो
  23. तुरंत बात के आधार पर फैसला ना लो     
  24. बात ना करो जो वो कहना चाहता है उससे लिखित मे लो
  25. मत डरो 
  26. अति सभ्यता की जगह सामान्य व्यवहार अपनाओ
  27. अति सभ्यता आपकी विचारक व तार्किक क्षमता कम कर देगी      
  28. बात करते समय जब तक पहली बात समझ ना आये तब तक दूसरी बात पर उसे मत जाने दो
  29. अपने पर विश्वास कायम रखो
  30. अपने मन मे उठे सवालों का जबाब तुरंत लो
  31. यदि वह आपका अपमान करे तो गुस्सा कभी मत करो
  32. गुस्सा आपका 100% विचारक क्षमता को नष्ट कर देगा
  33. गुस्सा दिलाना उसके प्लान का सबसे शक्तिशाली हथियार है इस वार से बचना ना मुमकिन है       
  34. तुरंत मिली जानकारी के आधार पर तुरंत फैसला मत लेना
  35. यदि सन्देह हो तो अपने हितैसियों से राय अवश्य लेना
  36. यदि लगे कि वह तुम को धमका रहा है उसे तुरंत बन्धी बना लेना, ध्यान रखना उसके साथी तुमको देख रहे है पर तुमको वो नही दिखेंगे तब तक जब तक तुम उसे बन्धी ना बना लो, वो अपने साथी को मुक्त कराने सामने जरूर आयेंगे, उनको भी बन्धी बनाना होगा,       
  37. तुम्हारे पारिवारिक सदस्य ही तुम्हारे सबसे नज़दीकी हितैसी है
  38. पारिवारिक बुज़ुर्गों का साथ रहते आपके पास कभी कोई मायावी भटक ही नही सकता, 40 वर्ष से उपर के कम पढे व अनपढ बुजुर्ग का साथ अभेद सुरक्षा कवच है, यदि गलती से आपने इनका साथ छोड दिया तो भी इनका असर कायम रहेगा, यदि गलती से आपने इनका अपमान किया तो भी इनका पूरा सुरक्षा प्रभाव कायम रहेगा ये ईश्वर का सिद्धांत है         
  39. उपर न. 8 मे लिखी गयी किसी भी जगह से मिली जानकारी पर कभी भरोसा ना करना ये मायावी की माया का जाल है मर कर ही मुक्ति मिल पायेगी  
  40. अपनी जांच करके समझ के ही फैसला करना कि क्या सही क्या गलत  
  41. पढते समय जो छोटा लिखा हो उसको पहले पढना
  42. यदि एक दो बार मे समझ ना आये तो तीसरी बार पढने कोशिश ना करना, आप कंफ्यूज़ हो जायेंगे, ये ना समझना कि तुम कम पढे लिखे हो, इस लिये समझ मे नही आया,     
  43. जो समझ ना आये पहले उसे ही समझने के कोशिश करना
  44. इस समय जल्दबाजी ना करना                

लेख 1019 22.12.2010 हाय रे अब में क्या करू

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सोमवार, 20 दिसंबर 2010

Notice To THE CHIEF METROPOLITAN MAGISTRATE of Delhi Dated 20.12.2010

Notice
under Hon’ble Principle Of Pohinin

See hon’ble vidhaan 49 of principle of pohinin

To
   THE CHIEF METROPOLITAN MAGISTRATE
   Of TIS HAZARI COURTS DELHI

WHEREAS your answer is necessary, Your answer is produce your think for justice of citizen of Delhi/bharat/dharatee, see Hon’ble vidhaan 49 of principle of pohinin please click here, see proof of contemned your duty click here, see question of low for you please click here, send our answer by male to shyawhdo@gmail.com or post any legal way to The court of shyawhdo, Add. ....., Herein fail not
Last date of your answer 24.12.2010

You’re faithfully
Chief justice of The court of shyawhdo
Shyawhdo
Dated 20.12.2010
Time 5.49 p.m.

Notice To parliament of bhaarat By The court of shyawhdo under shyawhdo Dated 20.12.2010

Notice
To parliament of bhaarat
By The court of shyawhdo under shyawhdo 
Whereas your answer is necessary for satisfaction of bhaarat waasi under Hon’ble principle of pohinin vidhaan equality, for any details please click here http://shyawhdoinformation.blogspot.com/2010/12/20122010_20.html               
Date of next hearing 24.12.2010
Please not miss your answer
Thanks
You’re faithfully
Shyawhdo
          
Dated 20.12.2010
Time 3.12 pm
Mail time 3.47 to PM
Mail time 3.58 to loksabhaa

नोटिस 20.12.2010 भारत की संसद मे कानून बनाने वाला कानूनी समूह विधाता की विधि का विधान कहता है कि जब तह डरेगा तब तक मरेगा पलत वार तब ही जी सकेगा पलट वार का समय आ चुका है

  1. सेवा मे,
  2. भारत की संसद मे कानून बनाने वाला कानूनी समूह 
  3. विधाता की विधि का विधान कहता है
  4. कि जब तह डरेगा तब तक मरेगा
  5. पलत वार तब ही जी सकेगा
  6. पलट वार का समय आ चुका है
  7. आपको बताया जाता है
  8. इंटरनेट पर प्रकट किये जा चुके
  9. अति पावन पूजनीय पवित्र विधाता की विधि के विधान जैसी धारणा के आधार पर कानून बनाने और लागू करने है जिसे principle of pohinin नाम से जाना जाता है  
  10. आप भली प्रकार जानते है कि जनहित धारणा का धन से कोई सम्बन्ध नही होता   
  11. यदि ना किया तो भारत वासी खुद अपना विश्व निश्चिंत समान कानून लागू करेंगे
  12. समय सीमा आप खुद निश्चित करके तीन दिन मे जबाब दे
  13. अति पवित्र पावन न्यायालय व संसद पर से
  14. मानवता के बैरियों को हटना ही होगा
  15. आप पर आरोप है कि भारत की आजादी से अब तक
  16. जितने कानून बनाये गये
  17. बदले गये
  18. खतम किये गये
  19. उन मे आपने भारत को तीन वर्गों मे बांट दिया
  20. पहला वर्ग जो खुद अपनी महनत से, चिंतित रहकर, काम करके जीने वाला था, जिसे आम जनता कहा जाता है
  21. दूसरा वर्ग जो जनता से छीन कर आपको देने वाला है
  22. जिसे आज जन सेवक के नाम से जाना जाता है
  23. और तीसरा वर्ग वह जो मंत्री वर्ग है
  24. जो वी आई पी के नाम से जाना जाता है   
  25. आपने मिस यूज़ और सुरक्षा के नाम पर
  26. करीब 100% हर कानून को भेद भाव वाला बनाया
  27. इस भेद भाव के तहत
  28. आपने मंत्री वर्ग को सबसे पहले पद पर रखा
  29. जन सेवक को दूसरे पद पर
  30. व जनता को तीसरे स्थान पर रखा
  31. आपने जनता मे से कुछ लोगों को सामान्य से अधिक सुख सुविधा लालच देकर जन सेवक वर्ग को जनता की अपेक्षा अधिक ताकतवर बनाया
  32. आपके द्वारा हर कानून ऐसा बनाया गया है
  33. जो जनता से छीनने मे तो कामयाब है पर जनता को देने मे नही
  34. जो जनता की अपेक्षा थोडा कम
  35. जन सेवकों तक से छीनने मे तो कामयाब है पर देने मे नही
  36. पर यही कानून मंत्री वर्ग को देने के लिये तो कामयाब है पर लेने के लिये नही
  37. आप अब तक करोडों कानून और नियम बना चुके है
  38. भारत वासी आपसे एक कानून या नियम मांगते है
  39. जो भारत वासियों के आरोप को गलत सिद्ध कर सके
  40. यदि आप सिद्ध कर सकते है
  41. तो धरती पर दुनिया के सामने
  42. इंटरनेट पर 
  43. लिखित मे
  44. अपना जबाब दें
  45. ना दे सके तो आप भारत वासियों के अपराधी है
  46. सजा आप बहतर जानते है
  47. छल ताकत इस्तेमाल करना शुरू तो आप कर सकते है
  48. हमारा उसूल छल और ताकत को अंत करने का है
  49. गूगल के एड्रेस बार मे shyawhdo & pohinin का नाम लिख कर हमारे विषय मे जाने
  50. http://shyawhdocourt.blogspot.com पर अपना जबाब देने का कष्ट करें,
  51. विधाता की विधि का विधान यानी  principle of pohinin देखने के लिये यहां क्लिक करें                        
  52. जय धरती जय मानवता  
  53. विश्व सेवक व रक्षक
  54. श्याव्ह्डो
  55.   
  56. तारीख 20.12.2010, समय दोपहर 1.32 मि.