बुधवार, 22 दिसंबर 2010

22.12.2010 लेख न.1020 श्री बाराक ओबामा जी द्वारा हमे जबाब मे भेजे गये मेल हमे अर्थहीन, हमारा मन पढने का माध्यम, और शायद सौदे के ओफर के पीछे चलाने की चाहत से ज्यादा कुछ नही लगे ये मेल धरती वासियों की अमानत है... इसे ही भवसागर से तरना यानी मुक्ति कहते है...

लेख न.1020
 
हमारे जबाब किसी को अपमानित करने के लिये नही
अपनी विचारों को प्रकट करने के लिये है  
अपने को धरती का राजा कहने वाले
अमेरिका के वाइट हाउस मे रहने वाले
श्री बाराक ओबामा द्वारा हमे जबाब मे भेजे गये मेल
हमे अर्थहीन, हमारा मन पढने का माध्यम, और शायद सौदे के ओफ़िर के पीछे लेने वाली चाहत से ज्यादा हमे कुछ नही लगे
ये मेल धरती वासियों की अमानत है
हम धरती वासियों को देते है
वो समझ कर अपनी राय दें
कि हमने जो समझा वो कितना सही कितना गलत है
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अपने को धरती का राजा कहने वाले अमेरिका के वाइट हाउस मे रहने वाले श्री बाराक ओबामा द्वारा हमे जबाब मे भेजे गये मेल हमे अर्थहीन, हमारा मन पढने का माध्यम, और शायद सौदे के ओफ़िर के पीछे लेने वाली चाहत से ज्यादा हमे कुछ नही लगे ये मेल धरती वासियों की अमानत है हम धरती वासियों को देते है वो समझ कर अपनी राय दें कि हमने जो समझा वो कितना सही कितना गलत है मेल देखने के लिये यहां क्लिक करें ....गूगल द्वारा हिन्दी मे ट्रांसलेट किया हुआ देखने के लिये यहां क्लिक करें.....इस जबाब के बाद हमे परम पावन व पूजनीय श्री रामायण जी का वह व्यंग याद आ गया जिसमे श्री जामवंत जी ने श्री हनुमान जी को उनकी शक्तियाँ याद कराते हुये कहा कि जब आप इस जन हिताय परम कर्तव्य का पालन करने के लिये आगे बढेंगे तो रास्ते में आपको अपना कर्तव्य पूरा करने से रोकने के लिये हर सुख सुविधा का खजाना निः शुल्क उपहार मे मिलेगा, वह इतना आकर्षक होगा कि आप तब तक उस के कब्जे मे रहेंगे जब तक जांच ना कर लो, जांच करके ही तुम यकीन कर सकते हो कि वह मायावी है या सत्य, तब श्री हनुमान जी ने पूछा हे श्रेष्ठ हमे जांच का उपाय बताओ, श्री जामवंत जी ने उनके कान मे गुप्त रूप से बता दिया, आज ये गुप्त रूप से दी गयी जानकारी हम जन हित के लिये सत्यता धारण करके धरती वासियों को उनके हित के लिये बता रहे है, यहां इस जानकारी को धरती वासी श्री हनुमान जी के समान अपना कर्तव्य पूरा करने के लिये इस्तेमाल कर सकते है, ताकि वे अपने कर्तव्य का पालन करते हुये मायावियों की माया से अपनी रक्षा कर सकें, इस जानकारी की व्यवस्था ईश्वर द्वारा ऐसी की गई है, कि जरूरत मे ये खुद ब खुद अपना काम करेगी, व जरूरत ना होने पर आपको याद तक ना रहेगी, इसका प्रकासन ईश्वर को थोडा नाराज़ कर देगा, पर क्यों कि समय आ चुका है, धरती वासियों को अपनी सुरक्षा के लिये धरती वासियों को देना हमे जरूरी लग रहा है, इस लिये हम ईश्वर की थोडी सी बात ना मान कर बता रहे है, जिसका घातक परिणाम हम भुगतने को तैयार है
हे धरती वासियों शुरू करो   
हे परम शक्तिशाली परमात्मा में तेरी की कसम खा कर कहता हूं
कि मे इस यंत्र का उपयोग छल के लिये कभी ना करूँगा
मुझे इसका पूर्ण भावार्थ समझने के लिये दिव्य बन्ध से मुक्त करें    
इस यंत्र का छलिया इस्तेमाल ना कर सके
इसकी सुरक्षा के लिये इसमे समान वितरक शब्द प्रणाली द्वारा
 ईशवर द्वारा दिये गये दिव्य बन्ध का इस्तेमाल किया जा चुका है
जो छलिये की पहचान करके किसी भी शब्द के अभिप्राय को फेल कर देगा
छलिये की समझने की हर कोशिश उसका मानसिक संतुलन कम करेगी       
बुरी भावना से इसे प्राप्त करने वाला अपने नुक्सान का खुद जिम्मेदार होगा
 इसे आज आसानी से समझने वाले शब्दों द्वारा पेस किय जा रहा है
स्नातक मुनियों से अनुरोध है
कि मर्यादा के तहत भावार्थ पर ही ध्यान दें
और हमे माफ करें

  1. इंसान अपने शरीर मे मौजूद जानकारी के आधार पर सही गलत का फैसला करके सही और गलत मे किसी एक को स्वीकार करता है
  2. मायावी जब अपने माया जाल मे आपको फंसाने की कोशिश करता है तो उसका सबसे पहला काम आपके शरीर मे मौजूद जानकारी को कुछ समय के लिये भुलवाना होता है
  3. जिसके लिये वह आपकी पसन्द और ना पसन्द को जानने के लिये प्रयत्न के तहत आपसे सामान्य बातें करता है
  4. आपकी जानकारी का स्तर जानने की कोशिश करता है
  5. वह आपके अंगों के लक्षणों से जबाब लेता है
  6. जिसमे नजरें 90% तक सफल जानकारी उगलती हैं    
  7. यदि वह सफल हो गया तो वह आपकी पसन्द की चीजों का हैरतंगेज़् प्रदर्शन करेगा,
  8. जिसमे आज के समय मे विशाल रैली, बिग होर्डिंग, बोर्ड, हाई वोल्यूम फास्ट म्यूज़िक, चीअर्श गर्ल  सेलिब्रेसन, शानोशोकत से भरी पार्टी,  स्टाइलिस्ट स्पीच, हाईटेक कम्यूनिकेसन, न्यूज पेपर, टी वी प्रोग्राम, समाचार, इन्टरनेट, मोबाइल, मूवाव यानी मूल्य वान वस्तु, बडी इमारतें, विशाल इंफ्रास्ट्रकचर, नाइट सो, गेम्स, फस्ट क्लास कन्विनियंस, ज्वेलरी, लेजर लाइटिंग़, फैशन, प्रतियोगितायें, व्यर्थ उपहार, जूआघर, मद्शाला, दासी व दास शालायें, सिनेमा घर ,थिएटर ,यूनिवर्सिटीज़्, स्टेडियम, लाइट सो, फिल्में, रंगीन किताबें, भूमि व भव्य शिविर, आदि होती हैं,       
  9. ईश्वर का सिद्धांत है कि यदि आपके साथ पहली या दूसरी बार ये हो रहा है, और आप अकेले है, तो आप अपने को बचा नही पायेंगे,
  10. हैरान होते ही आप उस मायावी इंसान के वस मे हो जाओगे, और तब तक उसके वस मे रहोगे जब तक उसका प्लान सफल ना हो जाये,   
  11. इस दौरान आपका आत्मविश्वास समाप्त हो जायेगा, आपकी मानसिक शक्ति समाप्त हो जायेगी, आप पूरी तरह उसके वस मे हो जायेंगे, जो वो चाहेगा आप वो ही करेंगे,
  12. शरीर की इस परिस्थिति को जन्म के दौरान की जानकारी यानी (जकेदौकीजा) के नाम से जाना जाता है              
  13. और मायावी इसी जकेदौकीजा के समय के बीच अपना प्लान सफल करते हैं
  14. आज ये समय कुछ मिनट से आजीवन काल तक का बनाया जा चुका है
  15. हर इंसान आज करोडों मायावी जालों मे फसा हुआ है जिसमे इंसान की कोई गलती नही है  
  16. जिससे वह खुद चाहने पर ही छूट सकता है
  17. ऐसा धोखा करके कमाने के बाद धोखे से गवाने पर होता है 
  18. इसे ही भवसागर से तरना यानी मुक्ति कहते है    
  19. इस परिस्थिति से बचने के लिये मायावी के प्रभाव के सम्पर्क मे मत जाओ
  20. कभी भी अकेले ना रहो
  21. अपने धर्म को सदा नियमित पूजते रहो
  22. यदि काम मे ये सम्भव ना हो तो लिखित मे ही लो
  23. तुरंत बात के आधार पर फैसला ना लो     
  24. बात ना करो जो वो कहना चाहता है उससे लिखित मे लो
  25. मत डरो 
  26. अति सभ्यता की जगह सामान्य व्यवहार अपनाओ
  27. अति सभ्यता आपकी विचारक व तार्किक क्षमता कम कर देगी      
  28. बात करते समय जब तक पहली बात समझ ना आये तब तक दूसरी बात पर उसे मत जाने दो
  29. अपने पर विश्वास कायम रखो
  30. अपने मन मे उठे सवालों का जबाब तुरंत लो
  31. यदि वह आपका अपमान करे तो गुस्सा कभी मत करो
  32. गुस्सा आपका 100% विचारक क्षमता को नष्ट कर देगा
  33. गुस्सा दिलाना उसके प्लान का सबसे शक्तिशाली हथियार है इस वार से बचना ना मुमकिन है       
  34. तुरंत मिली जानकारी के आधार पर तुरंत फैसला मत लेना
  35. यदि सन्देह हो तो अपने हितैसियों से राय अवश्य लेना
  36. यदि लगे कि वह तुम को धमका रहा है उसे तुरंत बन्धी बना लेना, ध्यान रखना उसके साथी तुमको देख रहे है पर तुमको वो नही दिखेंगे तब तक जब तक तुम उसे बन्धी ना बना लो, वो अपने साथी को मुक्त कराने सामने जरूर आयेंगे, उनको भी बन्धी बनाना होगा,       
  37. तुम्हारे पारिवारिक सदस्य ही तुम्हारे सबसे नज़दीकी हितैसी है
  38. पारिवारिक बुज़ुर्गों का साथ रहते आपके पास कभी कोई मायावी भटक ही नही सकता, 40 वर्ष से उपर के कम पढे व अनपढ बुजुर्ग का साथ अभेद सुरक्षा कवच है, यदि गलती से आपने इनका साथ छोड दिया तो भी इनका असर कायम रहेगा, यदि गलती से आपने इनका अपमान किया तो भी इनका पूरा सुरक्षा प्रभाव कायम रहेगा ये ईश्वर का सिद्धांत है         
  39. उपर न. 8 मे लिखी गयी किसी भी जगह से मिली जानकारी पर कभी भरोसा ना करना ये मायावी की माया का जाल है मर कर ही मुक्ति मिल पायेगी  
  40. अपनी जांच करके समझ के ही फैसला करना कि क्या सही क्या गलत  
  41. पढते समय जो छोटा लिखा हो उसको पहले पढना
  42. यदि एक दो बार मे समझ ना आये तो तीसरी बार पढने कोशिश ना करना, आप कंफ्यूज़ हो जायेंगे, ये ना समझना कि तुम कम पढे लिखे हो, इस लिये समझ मे नही आया,     
  43. जो समझ ना आये पहले उसे ही समझने के कोशिश करना
  44. इस समय जल्दबाजी ना करना                

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