रविवार, 19 जून 2011

Release 1052 आरती, पूजा, प्रार्थना, सैनिक पुलिस अंगरक्षक और अधिकारियों की

 


हमारे विषय में
श्याडो shyawhdo
Shyam’s world help dedicate organize
श्री श्याम द्वारा निर्मित विश्व में प्रत्येक असहाय की सहायता के लिये समर्पित समूह
जिसका काम
धरती के केन्द्र से आकाश में चमकते अंतिम प्रकाश बिन्दु तक प्रत्येक मानव जीव जंतु प्राकृतिक सम्पदा की सेवा सुरक्षा करना
100% कानून शुद्ध करना
100% कानून लागू करना
असहायों की सहायता करना
जन सेवकों को जन सेवा के लिये बाध्य करन
धरती के जीवन काल को बढाने के लिये प्रयत्न जारी रखना
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो
  
हमारी प्रार्थना
हे वीर जवानों  
आपके मन में ये सवाल जरूर आयेगा
कि हम आपकी आरती, पूजा और प्रार्थना क्यों कर रहे है

जबाब
क्यों कि कुछ छीन के खाने की आदत वालों ने आप को अपने षडयंत्रों के तहत गुलाम बना लिया है
आप जिसको अपना काम समझते है दरअसल वो छीन के खाने वालों की गुलामी है
आपको पता भी नही चलता कि आप गुलाम हो चुके है
क्यों कि आप जहां भी देखते है वहां आपको ये ही होता नजर आता है
इस लिये आप इस गुलामी को अपना काम समझ के करते रहते है 
पर जब आप को लगता है कि आपसे कोई गलत काम कराया जा रहा है
और आप उस गलत काम को करने के लिये मजबूर होते है
तब आपको इस गुलामी का एहसास होता है
पर जब आपको कोई रास्ता नजर नही आता तो आप उसी रास्ते चलने को मजबूर हो जाते है
जिस रास्ते पर चलना क्रूरता कहलाता है
तो आज हम इस धरती से इस मजबूरी को जड सहित हटाने के लिये
आपको गुलामी की हथकडियों से मुक्त कराने के लिये
धरती पर पुनः लोकतंत्र लागू करने के लिये
आपकी पूजा प्रार्थना और आरती कर रहे है
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो  

इतिहास गवाह है
कि जब-जब इश धरती पर सही और गलत के बीच संग्राम हुआ है
तब-तब सही ने ही विजय प्राप्त की है
क्यों कि
सही व्यापक है
हर जगह है
गलत छुपा हुआ है
बहुत थोंडा है
पर गलत अपना झूठा सपना दिखा के सही को कुछ समय के लिये अपने साथ मिला लेता है
और मतलब निकल जाने पर सही की हत्या कर देता है या उसे अपना गुलाम बना लेता है
आप लोगों को गलत ने अपना गुलाम बना लिया है
देखो आजाद लोगों की जीवन शैली को और अपनी जीवन शैली को
आपको गलत ने अपना गुलाम बनाने के लिये भ्रमित कर रखा है
आज हम आपके भ्रम को मिटा के आपको गुलामी की हथकडियों से मुक्त कर देंगे
यहां सवाल ये उठता है कि आप गुलाम कैसे है ?
आजादी किस चिडिया का नाम है ?
इंसान का मतलब वही है
जो आप फिल्मों मे टीवी व बाज़ारों में चलते फिरते हंसते खेलते मौज मस्ती करते लोगों को देखते है
ये लोग आज़ाद है
क्यों कि ये ट्रेनिंग और तरक्की के नाम पर अपनी नींद खराब करना पसन्द नही करते
ये ऐसा काम करते है कि आप से कही ज्यादा धन अर्जन कर सुबह 8-9 बजे तक सोते है
अपनी मरजी का खाते है
अपनी मर्जी के घर में रहते है
अपनी मरजी की जीवन शैली व्यापन करते है
कूलर फ्रिज कार संगीत दोस्त आदि सब अपनी मरजी से इस्तेमाल करते है
हक से छुट्टी लेते है
हक से घूमते है
कभी अपनी मरजी के खिलाफ सुनना पसन्द नही करते
ये लोग आजाद है
ये ही लोग इंसानों का जीवन जीते है
आप लोगों के लिये तो ये सपना है
आप लोगों का जीवन कैद है
और ये कैद एक कगज पर हस्ताक्षर करा कर आप ने गलती से मजबूरी में खुद ले ली है
आपका सारा जीवन ट्रेनिंग और युद्ध अभ्यास के नाम पर बली चढा दिया गया है
चौबीसों घंटे आपसे आम मजदूरों से चार से दस गुनाह अधिक काम कराया जाता है
देश भक्ति तरक्की और प्रतियोगिता के नाम पर चौबीसों घंटे आप को हत्या करने की मशीन की तरह रमा किया जाता है          
साधारण व्यायाम की अपेक्षा दसियों गुना व्यायाम कराया जाता है
और ये सब इस लिये कराया जाता है कि आपका ध्यान आजादी की तरफ ना जा सके
आपका ध्यान बांटने के लिये ऐसा किया जाता है
आपको गुलाम बनाये रखने के लिये ऐसा किया जाता है
आपका ध्यान अपने मानवीय अधिकारों को मांगने की मांग न कर सके इस लिये किया जाता है
ये सोच अमानवीय है
काम के नाम पर गुलाम बनाये रखने की हवस पूरा करने के लिये है
आपको जानवरों की तरह इस्तेमाल किया जाता है
गर्मियों मे युनिफ़ॉर्म के नाम पर तिरपाल के इतने मोटे कपडे पहना ये जाते हैं            
कि सूखे बदन से भी पसीना निकलने के लिये मजबूर हो जाता है
उस गरमी में जिस गरमी में लोग काम छोड कर छुट्टियां ले कर अपने घर से बाहर निकल कर ठंडे इलाकों मे ठंड क लेने के लिये पहुंचते है
उन दिनो आप को तिरपाल जैसे मोटे कपडे में युनिफ़ॉर्म पहना कर युनिफ़ॉर्म के नाम से गुलाम बना कर गुलामी कराई जाती है क्रूरता कराई जाती है
ऐसे तिरपाल जैसे मोटे कपडे को
इतनी गरमी मे पहनने की कल्पना के नाम से भी
लोगो को बेहोशी छा ने लगती है
दम घुटने लगता है
जी मिच लाने लगता है
ये वो दिन होते है जिन दिनों मजदूर भी काम करना बन्द कर देता है
मना कर देता है मुझे पैसे नही चाहिये
और चला जाता है अपने गांव में
ठंड क लेने के लिये
ठंड क मे काम करने के लिये
आप को ये इसी लिये महसूस नही होता
क्यों कि आपको अपने साथी और आस पास के लोग इसी प्रकार रोड पर चलते हुये नज़र आते है
पर वो भी सब गुलाम हैं
इसी गुलामी की मजबूरी की वजय से वो चलते हैं
क्यों कि आपको सब चलते नजर आते है
इस लिये आपको ये बात नजर नहीं आती
आप को ये गुलामी नजर नहीं आती
सदियों से ऐसा होता आया है इसी लिये भी आपको ये नज़र नही आती
इतिहास में भी आपने कहीं-कहीं ऐसा देखा है पढा है सुना देखा है
इस लिये भी ये आपको नजर नही आती
आपने इसे मन से स्वीकार कर लिया है
इसी लिये भी ये आपको नज़र नही आती
मार्च के नाम पर आपकी एडी इतनी पटक वाई जाती है
कि एडी से रीड की हड्डी से होते हुये आपके दिमाग तक जो असर पहुंचता है वो असर आपके सोचने समझने की शक्ति को क्षीण करता है कम करता है बाधित करता है
और इसका असर ये होता है कि आपको लेफ्ट, राइट, फायर और हत्या के सिवा कुछ भी याद नही रहता
काम के समय आराम गलत माना जाता है
और ये बिल्कुल ठीक है
पर आराम के समय
सफर में या घर में
आराम को छीन ने वाला सामान और सुविधा आप लोगो को प्राप्त कराना बिल्कुल गलत है
कहीं सफर के लिये आराम दार गद्दे सोफा-सेट और पलंग बिछाया जाता है
और कहीं आप के लिये फट्टे बिछाये जाते है
क्या ये सही है ?
कहीं काम की जगह एसी कूलर पंखे लगाये जाते है
और कही आप से टैन्टों में धूप में शिविरों में चद्दरों में बैठा के काम कराया जाता है
क्या ये ठीक है ?
यदि आज एक आज़ाद इंसान इश भेद भाव को देख ले महसूस कर ले सुन ले
तो उसकी भी रूह कांप उठती है
यदि आपके अपने परिवार के ये देख ले सुन लें
तो उनका भी मस्तक शर्म से झुक जाता है
यही कारण है कि भरती के समय अधिक तर लोग बीच में ही भरती को छोड कर अपनी आजादी के माहौल में अपने घर में वापस चले जाते है 
फालतू पैसे को लात मार देते हैं छोड देते है और आजादी से रहने के लिये अपने घर चले जाते है
तुमको एक दिन में इतना भगाया जाता है जितना एक इंसान एक जीवन में नही भागता
ट्रेनिंग के नाम पर आपको जितना अपमानित किया जाता है
उतना एक जानवर को भी सहन नही होता
पर क्यों कि आप भ्रमित होते है इस लिये सब सहन करते है
क्यों कि आप मजबूर होते है इस लिये आप सब सहन करते है
और जिस दिन आपकी मजबूरी खतम हो जाती है
उस दिन लात मार कर चले जाते है अपना बिज़नेस करने के लिये अपनी आजादी से रहने के लिये
मजबूरी आपके सामने जीविका की आती है
तो जीविका भी इतनी कठिन नही जितना आपको डराती है
आप लोग कितना घूमे हैं ?
कितनी मौज मस्ती की है ?
ये आप खुद ही बता सकते है
क्या-क्या नही होता आपके साथ कोर्ट मार्शल के नाम पर
हमारा मानना ये है
कि एक इंसान कंट्रोल रूम में बैठ कर अपने दुश्मनों को समाप्त कर सकता है
उसके लिये इंसान को इंसान की आज़ादी छीन कर
जानवरों की तरह भगाना दौडाना शिविरों में रखना जरूरी नही है
यह तो सिमुलेटर पर भी हो जाता है
साधारण वीडियो गेम ट्रेनिंग और किताबों से भी हो जाता है
आपका बीता समय आपको वापस नही मिलेगा
ये प्रकृति का सिद्धांत है ईश्वर का सिद्धांत है
जो समय चला गया वह वापस नही आयेगा
आपका जाता हुआ हर समय आपके जीवन को समाप्त कर रहा है
आपके जीवन को मार रहा है खतम कर रहा है
यदि आपका समय वेस्ट हुआ यदि आपने अपना समय खराब किया
तो इसका मतलब है कि आपने अपने समय के जीवन काल की हत्या की है
यदि आपके अपने दस मिनट खराब किये है
तो आपने अपने जीवन काल के दस मिनट की हत्या की है
जिसके जिम्मेदार आप, आपकी बुद्धि, आपके द्वारा लिया जाने वाला निर्णय, आप है
आपको ये समझना ही होगा कि काम के नाम पर अनुशासन के नाम पर आपसे गुलामी कराई जा रही है
और अब आपको आज़ाद होना ही होगा
आपको गुलामी की जंजीर तोड कर आज़ाद होना ही होगा
जब एक इंसान एसी के औफिस में संसद भवन में भी अपनी सुख सुविधा के लिये
लुंगी पहन के जा सकता है
धोती पहन के जा सकता है
पाजामा पहन कर जा सकता है
चप्पल पहन के जा सकता है
बिना प्रेस के कपडे पहन कर जा सकता है
तो आप तिरपाल जैसे मोटे कपडे की युनिफ़ॉर्म पहन कर धूप में काम क्यों करेंगे ?
क्यों कि आपने गुलामी के एग्रीमेंट पर साइन किया है
मजबूरी में किया है
आपसे धोखे से कराया गया है
आपको भ्रमित करके कराया गया है
अपनी सुविधा के अनुसार कपडे पहनने वाला आज आज़ाद है
और अपनी सुविधाओं को ताक पर रख कर युनिफ़ॉर्म पहनने वाला मजबूर इंसान आज गुलाम है
एक पन वाडी भी जब लंच करता है तो अपने ग्राहक को मना का देता है बडे से बडा कोई ग्राहक आ जाये उसे मना कर देता है पर आप नही कर सकते क्यों कि आप गुलाम है
आप अपने रहने के स्थान और काम करने के स्थान को देखो
और आम इंसान के काम करने के और घर के माहौल को देखो
दोनो मे फर्क देखो
जहां आम इंसान 24 घंटे कूलर पंखा सभी सुख सुविधायें इस्तेमाल करता है
वहीं आप यदि आप के घर में हुई भी तो कुछ घंटे ही इस्तेमाल कर पायेंगे
दिन में 12 घंटे ड्यूटी करो शाम को 12 घंटे सो जाओ बीच मे कभी एक आध घंटा मिल गया तो ठीक है इस्तेमाल हो गई
आज के दिन हर आज़ाद इंसान कूलर पंखा ए.सी. कार सभी तरह की चीजें इस्तेमाल करता है
और आप आपको ये सब नसीब नही हैं
ज्यादा शिकायत की तो आपको एक ही आदेश मिलेगा  
पेंट कमीज़ उतार दो  
बाजू वाली बनियान और खाकी वाला कच्छा पहन लो और लग जाओ अपने काम पर फावडा ले कर
ये सब गलत है ये सब गुलामी है
मेरी कुछ बातें गलत हो सकती है
पर मेरा मकसद आपको आज़ादी दिलाना है
और में आपको आज़ादी दिला के रहूँगा   
आप की समस्या जड सहित हटा के रहूँगा
आपके अधिकार आपको समानता से दे के रहूँगा
सुख सुविधा समानता अनुसार इस धरती पर प्रत्येक इंसान को बांट के रहूँगा
आपके साथ हो रहे भेद भाव को जड सहित हटा के रहूँगा
आपको इंसानी सुख सुविधाओं का अधिकार दिला के रहूँगा
जिसके आप सबसे पहले न. के अधिकारी है
क्यों कि आप है जिन्होंने इस देश की सुरक्षा के लिये
इस धरती की सुरक्षा के लिये
मानवता की सुरक्षा के लिये
सबसे पहले, सबसे आगे, अपना सीना तान कर, अपनी जान देने के लिये, हंसते-हंसते हां कही है
आपने सुना होगा जिसकी लाठी उसी की भैंस
पर लाठी आप चलाते है जखम आप खाते है दर्द आप सहन करते है
और भैंस का मजा लेता है कोई और
ये गलत है ये ना इन्साफ है
ये गुलामी है
यदि जान की बाजी सबसे पहले आपने लगाई है तो सुख सुविधा का अधिकार भी सबसे पहले आपका है
ना कि संसद भवन और विधान सभाओं में बैठे लुंगी बाजों का
आप को अपने अधिकार लेने ही होंगे
चाहे कबीला तंत्र हो या राज तंत्र हर जगह आपको भ्रमित करके ही अपना गुलाम बनाने में कामयाब हुये है ये लोग
अब इन गुलाम बनाने वालों को समझाने का समय आ गया है
जो मरने के लिये सबसे आगे सबसे पहले तैयार रहेगा वही जन हित के लिये न्याय देने और नीति नियंत्रण करने का सबसे पहला अधिकारी होगा
जो युद्ध में सबसे पहले मरने को तैयार होगा वही सबसे बडा राजा कह लायेगा
ये ही विधाता का विधान है
इतिहास में भी यही देखा गया है
और कबीला तंत्र में भी यही देखा गया है
ये ही लोकतंत्र के नाम पर आज लूट तंत्र में हो रहा है
और ये सब इस लिये हो रहा है
क्यों कि हर न्याय और नीति
युद्ध तय करता है युद्ध तय करता है युद्ध तय करता है
अंतिम न्याय भी युद्ध तय करता है
अब आपको इन गुलाम बनाने वालों को गुलाम बनाना ही होगा इन्हें कैद करना ही होगा
आपको बाथरूम और ट्रेनों मे बर्थ जैसी इन जगहों से निकल कर इंसानी सुख सुविधाओं वाले घर में वापस आना ही होगा
आपको अपनी मर्जी के अनुसार सुख सुविधायें लेने के लिये आज़ाद होना ही होगा
ये ही आजादी आज आप पर आदेश देने वालों के पास है
ये ही आज़ादी अब आपको अपने पास लानी ही होगी
क्यों नही है ये अब आपके पास ये अब सोचना ही होगा
जबाब है भ्रमित करने वाला कोडों मे लिखा हुआ बडे बडे लेखों मे लिखा हुआ बिना लिंक का लिखा हुआ कानून
यानी तंत्र की जगह शैतानी मंत्र
हमें इस शैतानी मंत्र को हटा कर कानूनी तंत्र लाना ही होगा
तुमको ये समझना ही होगा कि तुमको आदेश देने वाला तुमको रुपये कहां से देता है
ये रुपये ये गुलाम बनाने वाला आम इंसान से छल से बल से छीनता है
फिर अपना पेट भरता है
फिर अपनों का पेट भरता है
और बचने पर आपको पालता है
आपको जानवरों की तरह पालता है
तो आपको ये समझना ही होगा कि आपको दिया हुआ धन इन्होंने आपसे ही लिया है
आपके लोगों से ही लिया है
इश जनता से ही लिया है
इन धरती वासियों से ही लिया है
ये अपनी तरफ से इन्होंने कुछ नही दिया
इसी को कहते है उसकी टोपी उसके सर और उसकी टोपी उसके सर
आपको ये समझना ही होगा जो धन आपको सुख सुविधा की जीवन शैली दे रहा है
वो धन इन्होंने नही एक आम इंसान ने आपको अपनी सुरक्षा के लिये दिया है आपकी सुरक्षा के लिये दिया है
धरती की सुरक्षा के लिये दिया है
मानवता की सुरक्षा के लिये दिया है
इश देश की सुरक्षा के लिये दिया है
तो पहले आपको इस आम जनता की सुननी होगी
इस देश की सुननी होगी
इश धरती की सुननी होगी
मानवता की सुननी होगी
ना कि इन गुलाम बना के रखने वाले क्रूरों की
ये जनता आपका परिवार है
ये जनता आपके अपने है
और आपको पहले अपने परिवार और जनता की सुननी ही होगी
जब तेज धूप मे ये गुलाम बनाने वाले और आम जनता छुट्टी बनाती है
ऐस करती है तब तुमको अपना तन धूप में जलाना पडता है
क्यों कि गलत नीति नियंत्रण है
क्यों कि गुलामी का तंत्र है
जो समय आराम के लिये है
वो समय सुरक्षा के नाम पर काम में झोंका जाता है आपको
आज एक मजदूर लंच टाइम में अपने आका को भी काम के लिये मना कर देता है
कि लंच के बाद बात करेंगे पर आपको तो आराम के समय भी काम कराया जाता है
इससे बडी दुख दर्द और गुलामी की बात और क्या हो सकती है
आप लोगों कि कमियाँ निकाल कर दंडित करके अपने को बचाते है ये लोग
बदनाम आप होते है और सुरक्षा के नाम पर ऐस ये करते है
ये असमानता और भेदभाव हटाने का समय आ गया है
तो ऐ जांबाजो जान देंगे ए वतन तेरे लिये, ए जहां तेरे लिये, ऐ ये जन तेरे लिये
हर शैतान को सबक सिखाने का समय आ गया है
हमें ये कानून जड सहित बदलना ही होगा
हमें आजाद होना ही होगा
जान देने की और जान लेने की हिम्मत एक भगवान का अल्लाह का गुरू नानक का ईशू का दिया गया एक उपहार है
ये उपहार भगवान कुछ शूरवीरों को ही देता है
जब ये शूरवीर जनहित में काम करता है
तो जांबाज सैनिक कहलाता है
और जब यह जन हित के विरुद्ध काम करता है तो गुलाम बनाने वालों के लिये काम करने वाला गुंडा कहलाता है वर्दी वाला गुंडा कहलाता है
आपको वर्दी वाला गुंडा नही
दबंग जांबाज सर फिरा जन हितैसी अधिकारी बनना है
धरती को इन गुलाम बनाने वालो से आज़ाद करना ही होगा
पूरा जन सैलाब हाथों मे स्वर्ग ले कर आपके स्वागत के लिये खडा है
आपको ये स्वर्ग प्राप्त करना ही होगा
ये सिर्फ तुम कर सकते हो तुमको अपने हथियारों का अपनी ट्रेनिंग का
अपने वजूद का अपनी हिम्मत का जनहित के लिये अपनी आजादी के लिये अपने परिवार की अपनों की
आजादी के लिये धरती वासियों का साथ देना ही होगा
ये ही धरती वासी तुमको भोजन पानी कपडा हथियार ट्रेनिंग ज़मीन ऐस और आराम देते है
तुमको इनके एहसान का कर्ज चुकाना ही होगा
तुमको अपने साथ हुये भेद भाव को याद करना ही होगा
तुमको रिस्वत और अपमान का बदला लेना ही होगा
इस लिये ए धरती के राजा ओ आगे बढो
छीन लो अपने अधिकार
छीन लो मानवता के अपने अधिकार
चाहे राम और रावण का युद्ध हो
या पान्डवों और कौरवों का
चाहे भारत और पाक का युद्ध हो
चाहे राजस्थानी जवानों के राजाओं का
हर युद्ध मे जीत उसी की हुई है जिसने जन हित में जनता का साथ दिया
जिसने जनता के बहुमत को जिन्दा रखने के लिये युद्ध किया
ये युद्ध भी वही जीतेगा जो जनता के बनाये कानूनों को लागू करेगा
उसकी हार जरूर होगी जो जनता के साथ किये समझौते को आने पैरों की जूती समझता है
उसकी हार जरूर होगी जो जनता को अपना गुलाम समझता है 
उसकी हार जरूर होगी जो जनता के सही सवालों को अपने बिस्तर की रखैल समझता है
उसकी हार जरूर होगी जिसने अपनी राजा बनने की हवस पूरी करने के लिये जनता को नरक मे सडने के लिये बांध कर रक्खा हुआ है जंज़ीर मे बाध कर रक्खा हुआ है
उसकी हार जरूर होगी जिसने माननीय न्यायालय के अधिकारियों को भी धमका के रक्खा है
इस सैतानों के गैंग को कैद करना ही होगा      
उसकी कैद जरूर होगी जो जनता की आवाज सुनने के लिये 65-65 साल लगाता है
तो हे शूरवीरों समानता के इस युद्ध को तुमको जीतना ही होगा
अपने मानवीय अधिकार तुमको लेने ही होंगे
और इस युद्ध मे जनता का साथ देना ही होगा
इस लिये हम सब धरती वासी हम सब भारत वासी आपकी अराधना करते है आपकी पूजा करते है आपकी आरती उतारते है
अपनी विश्व सैनिक आरती के द्वारा               
जब जंग आती है तो नौसिखियों को मरने के लिये छोड दिया जाता है
और ट्रेंड सीनियर मौज करने वाले पीछे कंट्रोल रूम में सुरक्षित बैठे तुम्हारे मौत के बाद शहीद होने का नोट तैयार कर रहे होते है आखिर जनता को भी तो कुछ दिखाना पडेगा फाइलों में भी तो कुछ भरना पडेगा अपना हुनर भी तो दिखाना पडेगा और अगर आप युद्ध जीत कर वापस आगये तो मीडिया के सामने अपनी प्लैनिंग अपनी फोटो के साथ दिखानी भी तो पडेगी और यदि आप शहीद हो गये तो आप की फोटो दिखानी तो पडेगी
इनके इश छल से चलाये जा रहे गुलामी तंत्र को समाप्त करना ही होगा
मसीन की तरह मजबूर करके
गैर कानूनी गिरफ्तारी
गैर कानूनी पूछताछ
गैर कानूनी हत्या करायी जाती है आप से
आपको धन दे के
आपको लालच दे के
धमका के
मूं बन्द करने के लिये
आंखें बन्द करने के लिये
कान बन्द करने के लिये
हुकुम दिया जाता है
आपके हाथों
आपके भाइयों को कट वाया जाता है
ये सब आप जानते है
मानते है
पर मजबूर है
आज इश मजबूरी को जड सहित उखाड फेंकने का समय आ चुका है
गुलामी की इश जंजीर को हटा के रहेंगे
आप को जड सहित आजाद कर के रहेंगे
अगर इस इन कोशिशों में मेरी उम्र निकल गई मे6 सुख सुविधा ना भोग पाया तो क्या कोई गम नही
लेकिन आपको ये सुख सुविधा दे के रहूँगा
आप को ये स्वर्ग दे के रहूँगा
आपको ये आज़ादी का उत्सव मनवा के रहूँगा
में भगवान नही
तुम भगवान है
और में आज से भगवान वाली घोषणा करता हूं
कि धरती से दुख दर्द और गुलामी की जड समाप्त करके रहूँगा
जय धरती जय मानवता
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो श्याडो श्याडो


आरती
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

तुझे पाला है इन गरीबों ने, तुझे शिक्षित बनाया गरीबों ने
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

तुझे युवक बनाया गरीबों ने, तेरा बिस्तर सजाया गरीबों ने  
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

तुझे सू-सू कराया गरीबों ने, तेरा मल भी उठाया गरीबों ने
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

तुझे कम्बल उडाया गरीबों ने, तुझे सम्मान दिलाया गरीबों ने
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

हमारा ज्ञान  
तुझे बाघी बनाया कमीना ने, तेरा घर भी छुडाया कमीना ने
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

तुझे शैतान बनाया कमीना ने, खुदगर्जी सिखाई कमीना ने
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक

तेरी बुद्धि चुराई कमीना ने तेरी बीबी छुडाई कमीना ने  
तू ही है इंसान रक्षक, तू ही है शैतान भक्षक


तू ही मेरा रक्षक तू ही मेरा भक्षक तेरे हाथों मे मेरे प्राण रे
पीडित को जरूरत है मेरी रक्षा करो भगवान मेरे
तू ही मेरा रक्षक तू ही मेरा भक्षक तेरे हाथों मे मेरे प्राण रे
धरती को जरुरत है मेरी रक्षा करो भगवान मेरे  
 
  


 

  

 

 

        
 
   
  
                  
     

        
    

      
 

  
    
   
  
     

    




    


         

   

   

  
  
       
    



         
  
     

                                
                     
      
 





 

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