रविवार, 30 अक्तूबर 2011

Release 1120 धवाभा (धरती वासियों की भागीदारी)

विडियों के लिये यहां क्लिक करें
30 दिनों मे धरती और 3 दिनों मे भारत की हर समस्या का जड सहित अंत करने के लिये/ भेदभाव, अन्याय, बलात्कार, बेरोजगारी, अशिक्षा, लूट, चोरी, धोखेबाज़ी, गुलामी, कैद, हत्या, आपराधिक शिक्षा, षड्यंत्र आदि की जड बेबसी को जड सहित समाप्त करने के लिये/ जनता का राज लाने के लिये/ धरती, धरती पर जीवन, लोकतंत्र, आज़ादी और स्वाभिमान की रक्षा के लिये/ नीचे लिखे पदों मे से अपने तजुर्बे के अनुसार कोई एक पद या अनेक पदों की जिम्मेदारी स्वीकार करें, यदि आप अनेक पदों को चुनें तो जिस काम का आपको सबसे अधिक तजुर्बा है उस काम के पद से कम तजुर्बे के काम की और आरोही क्रम से लिखें
  1. समस्या की सच्चाई को पहचानने वाले (इंस्पेक्टर)
  2. समाधान के लिये राय देने वाले (सलाहकार)
  3. समाधान की पुनरावृति रोकने के लिये असरदार विधान रचने वाले (सांसद)
  4. कानून और व्यवस्था के अनुसार काम करने वाले (कार्यकर्ता)
  5. कानून और व्यवस्था की रक्षा करने वाले (योद्धा)
  6. सभी पदों को भरने के लिये शिक्षा देने वाले, परीक्षा लेने वाले, नियुक्ति करने वाले (धरती वासी)
  7. इन पर नियंत्रण रखने के लिये न्यायोचित राय या फैसला देने वाले (न्यायधीश)
यह सन्देश प्रत्येक धरती वासी तक उसकी भाषा में तुरंत पहुंचाने के लिये हमें अपने सम्पर्क साधन जिसमे टीवी चैनल, रेडियों स्टेशन, इंटरनेट, कार्यालय, समाचार पेपर, समाचार पत्रिका, परचा, बोर्ड, पोस्टर, होर्डिंग और ढोल बजा कर सन्देश देने वालों की ज़रूरत है, जिसके लिये प्रारम्भ मे करीब 10,000,0000000 (दस हजार करोड़) रुपये की ज़रूरत होगी,
हालांकि हमे शुद्ध लोकतंत्र को धरती पर लागू करने से रोकने के लिये, लूट तंत्र को स्वीकार करने के लिये, ब्रिटेन व अमेरिका द्वारा खरब पति बनाने के प्रस्ताव आये हैं, यह रकम 50,50000 यानी (पचास लाख पचास हज़ार रुपये) के प्रस्ताव से शुरू की गई है, जिसे हमने नीचे लिखे कारणों से नहीं लिया, सवाल ये है कि उनसे धन लेकर हम उनके गुलाम बनेंगे या नही? क्या इस गुलामी को स्वीकार करके हम धरती के पीडितों को धरती के अपराधियों से बचा सकेंगे? क्या हम रिश्वत लेने वाले, खुदगर्ज़, अपराधी नही बन जायेंगे? क्या रिश्वत लेने वाला खुदगर्ज़, अपराधी इंसान दूसरे इंसान को अपराध ना करने के लिये शिक्षा दे सकता है? और यदि वह शिक्षा देगा तो क्या उसकी बात कोई मानेगा? तो ऐसी परिस्थितियों मे धरती पर जीवन, धरती, लोकतंत्र, आज़ादी और स्वाभिमान की रक्षा के लिये, हमे अपराधी और पीडित में से किस से भागीदारी लेनी चाहिये? जबाब साफ है पीडित से, क्योंकि अपराधी को आज़ाद करके अपराध को नही मिटाया जा सकता,
इस लिये यदि आप उम्र भर सुख, शांति, निर्भीकता, आज़ादी और सम्मान के साथ जीना चाहते हो तो
ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी लो,
ज्यादा से ज्यादा दान दो,
सभी हिसाब, हमेशा, सबके द्वारा जांच करने योग्य सरल तरीके से प्रदर्शित किया जाता रहेगा, जिसे प्रत्येक धरती वासी द्वारा विवाद खतम करने के लिये जाँचा जा सकेगा,  
आपके द्वारा ली गई जिम्मेदारी और दिया गया दान आप की मरजी यानी (शुद्ध लोकतंत्र) कानून व्यवस्था बनाने व लागू करने में इस्तेमाल किया जायेगा,
आप ज्यादा से ज्यादा जितनी जिम्मेदारी लेंगे, ज्यादा से ज्यादा जितना दान देंगे, उतनी की रफ्तार से आप अपनी समस्याओं का 100% समाधान ले सकेंगे, जिसमें विवाह, चिकित्सा, जल, भोजन, कपडे, बिस्तर, निवास, शिक्षा, वातानुकूलित वातावरण, वातानुकूलित यातायात, मनोरंजन, प्रतियोगिता, तरक्की, पेन्शन, न्याय, सुरक्षा, सम्मान, जिम्मेदारी, आदि सभी जीवन आधारित सामान व सुविधायें यथा सम्भव आपके सुलभ निवास व कार्यालय पर, समय पर, अधिकारों और जिम्मेदारियों के बदले उपलब्ध कराई जाती रहेंगी,  
यानी धरती पर सबको समानता के साथ, सभी जीवन आधारित सामान व सुविधायें, यानी अखन्ड धरती (बिना देशों की सीमा वाली धरती) का एक शुद्ध लोकतंत्र, जिसका नाम है
विधाता की विधि का विधान 
तो अब आप को भी शेरों की तरह दहाडना है इसलिये धरती वासियों की आवज़ से आवाज़ मिला कर बोलो
जय धरती - जय मानवता

श्याडो
श्री श्याम द्वारा निर्मित विश्व मे प्रत्येक असहाय की सहायता के लिये समर्पित समूह/
जिसका काम धरती के केन्द्र से आकाश में चमकते अंतिम प्रकाश बिंदु तक प्रत्येक मानव जीवजंतु प्राकृतिक सम्पदा की सेवा सुरक्षा करना/
धरती, धरती पर जीवन, लोकतंत्र, आज़ादी और स्वाभिमान की रक्षा करना/
100% कानून शुद्ध करना/
100% कानून लागू करना/
जन सेवकों को जन सेवा के लिये बाध्य करना/
करीब 300 सालों से, वंश दर वंश, छठी पीडी द्वारा, विश्व सेवा सुरक्षा के लिये प्रयत्नशील आध्यात्मिक व आधुनिक विश्व शक्ति/
विश्व सेवक व रक्षक (विसेर)
Shyawhdo (Shyam’s world help dedicate organize)
Address S-22 pull Pehladpur New Delhi 110044 India.
SMS center No.9013727047. Mobile No. 9868247312

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

Release 1119 धरती पर सरकारों से पूछा गया कि ऐसा कानूनी, कामयाब, सही काम बताया जाये जो किया जा सके


Release 1118 धरती जीवन और लोकतंत्र की सेवा व सुरक्षा के पहली गिरफ्तारी पहली कैद.... तब हमने जीत या मौत का फैसला लेकर जेल में भूख हडताल शुरू कर दी पर रिश्वत देना गुलामी स्वीकार करना नही माना... तब हमे बडा शारीरिक नुकसान देने का षड्यंत्र बनाया जाने लगा....

26.09.2011 12.27 pm चौकी द्वारिका कोर्ट में जामा तलाशी के बाद समान जब्त कर लिया गया
और द्वारिका कोर्ट की हवालात में शाम करीब 7 बजे तक रखा गया  
फिर तिहाड़ जेल न. 5 वार्ड न. 2 बैरिक न. 2 मे 32 कैदियों के साथ रखा
यहीं हमने भूख हडताल की  
7.10.2011 को वार्ड न. 3 बैरिक न. 6 में 36 खतरनाक कैदियों के साथ रखा गया
कैद में सरकार को रिश्वत ना देने के कारण व गुलामी स्वीकार ना करने के कारण सरकार ने हमारी जीवन आधारित सामान व सुविधाओं मे 75% तक कमी कर दी
हमने जीत या मौत का फैसला लेकर भूख हडताल शुरू कर दी पर रिश्वत देना गुलामी स्वीकार करना नही माना  
तब हमे बडा शारीरिक नुकसान देने का षड्यंत्र बनाया जाने लगा
तब हमने कैद से निकलने का फैसला ले लिया
और ...... के द्वारा किसी से करीब पचास हजार रुपये उधार लेकर रिहाई का आदेश पास कराया और उसने मुझे रिहा करा कर नया जीवन दान दिया
उनका में सदैव एहसान मानता रहूँगा
उन्होंने मुझे नही धरती पर 7 अरब लोगों को मुक्त कराने का काम किया है
पर वो नहीं जानता कि उसने किसको आज़ाद कराया है    
ईश्वर की कृपा से तीन महीने की जगह बीस दिनों की कैद के बाद 15.10.2011 को शाम 8.15 मिनट पर हमारी रिहाई हो गई
जेल को सुधार ग्रह कहा जाता है पर हम तो तिहाड़ जेल और सभी जेलों को अपराध का विद्यालय और घोर नरक कहेंगे, और सरकार को नरक के क्रूर दूत  
कैद मे इस्तेमाल किये जाने वाले सामान का चित्र