गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

matter 1330....या किसी सन्घारी वर्ग ने सन्घारों के लिये ये षडयन्त्र रचा हैं....




धरती पर हर प्राणी के जीवन को व्यवस्थित करने के लिये जिन साधनों का इस्तेमाल किया जाता आ रहा है उनमें ईश्वर के प्रति समर्पण भाव सब से ज्यादा है
हर बुरा वर्ग ईश्वर के नाम पर ईश्वर के भक्तों से श्रम शहीदिया ले कर मैहैल भोगता आ रहा है
ऐसे में ईश्वर की श्रिष्टि में ईश्वर के झूठे भक्तों द्वारा ईश्वर को उनके घर से निकाल कर फ़ुट्पाथ पर त्रिस्क्रित होने के लिये छोडने वाले दुष्टों को ईश्वर का तख्ता पलटने वाले घोर अपराधियों को उसी प्रकार उनके घरों से निकाल कर फ़ुट्पाथों पर त्रिस्क्रित कर उनका मैहैल लेकर  उनका तखता पलटना ही एक मात्र दण्ड है
विश्व धर्म व्यवस्था को जारी रखने के लिये आर्यवर्ष के व्यवस्था क्षेत्र में इन्द्रप्रस्थ के आधुनिक व्यवस्था स्थल दीनदयाल उपाध्याय मार्ग इन्डिअन नैसनल कोन्ग्रेस के प्रमुख कर्यालय के बाहर फ़ुट पाथ पर ईश्वर के प्रतीक  महादेव भगवान शिव, भगवान हनुमान, भगवान लक्ष्मी भगवान गणेश पवित्र शिवलिन्ग व भगवानों के विभिन्न धामों के प्रतीक पवित्र लिन्ग व मूर्तियां त्रिस्क्रित रूप में अपना असित्व समाप्त करती हुयी दिखी जिसका कारण यह था कि किसी ने आर्यवर्ष के ईश्वर की जगह किसी अन्य भगवान को स्थापित कर दिया था पर जिन दुष्टों ने ये किया क्या उनको इस दुस्साहस के लिये दण्ड नही मिलना चाहिये हां वह ईश्वर व ईश्वर के भक्तों के तखता पलत के घोर अपराध के दोषी है उन्हें इसके लिये घोर दण्ड मिलना चाहिये
माननीय कानून कैहैता है कि आप अपने भगवानों को  मन्दिर में स्थापित कर सकते हैं पर आपराधिक मार्ग से किसी अन्य भगवान का तखता पलट कर नही उनको हटाकर नहीं बल्कि उनसे अलग स्थान में जहां किसी भक्त की श्रद्धा को चोट ना पहुंचे उसे ये ना लगे कि उनके भगवान को अपमानित कर उनका आपराधिक धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है उन्हे अन्य धर्म के प्रति पूजा के लिये विश्वास के लिये तैहैत गुलामी के लिये विवस किया जा रहा है
क्या कोन्ग्रेस ने यह धर्म अपमान के लिये अपने कार्यालय के सामने स्थापित किया है
क्या काग्रेस ने अपने भवन के भीतर मन्दिर से इन्हें निकाल कर फ़ुटपाथ पर स्थापित किया है
क्या कोन्ग्रेस ने अपने भवन के भीतर मन्दिर को मस्जिद में परिवर्तित किया है
क्या कोन्ग्रेस ने अपने भवन सहित हर पूजा स्थल से इन्हें हटा कर साई जी को स्थापित करने के प्रयासों को समर्थन देने के लिये ऐसा करना जारी रखा है
या किसी सन्घारी वर्ग ने सन्घारों के लिये ये षडयन्त्र रचा हैं
सत्य क्या है आप को क्या लगता है ये आप खुद तै कर सकते हैं
इतना तो साबित हो चुका है कि सन 1800 से विश्व की व्यवस्था करने की इक्षुक कोन्ग्रेस जो सभी धर्मों को समानता से समर्थन देने की बात करती है जो धर्म को बनाने, पढाने, स्थापित करने व न्याय करने में निपुर्ण है उसने धर्म को त्रिस्क्रित करने, आस्थावानों की आस्था को हर्ट करने के प्रयास, आस्थावानों का मनोबल गिराने के प्रयास,  आर्यवर्ष  की व्यवस्था का विनाष करने के प्रयास,  हिन्दू धर्म के विनाश करने के प्रयास व तखता पलटने के अपराधों की दोषी है

 


 
 

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