- सेवा मे,
- भारत की संसद मे कानून बनाने वाला कानूनी समूह
- विधाता की विधि का विधान कहता है
- कि जब तह डरेगा तब तक मरेगा
- पलत वार तब ही जी सकेगा
- पलट वार का समय आ चुका है
- आपको बताया जाता है
- इंटरनेट पर प्रकट किये जा चुके
- अति पावन पूजनीय पवित्र “विधाता की विधि के विधान” जैसी धारणा के आधार पर कानून बनाने और लागू करने है जिसे principle of pohinin नाम से जाना जाता है
- आप भली प्रकार जानते है कि जनहित धारणा का धन से कोई सम्बन्ध नही होता
- यदि ना किया तो भारत वासी खुद अपना विश्व निश्चिंत समान कानून लागू करेंगे
- समय सीमा आप खुद निश्चित करके तीन दिन मे जबाब दे
- अति पवित्र पावन न्यायालय व संसद पर से
- मानवता के बैरियों को हटना ही होगा
- आप पर आरोप है कि भारत की आजादी से अब तक
- जितने कानून बनाये गये
- बदले गये
- खतम किये गये
- उन मे आपने भारत को तीन वर्गों मे बांट दिया
- पहला वर्ग जो खुद अपनी महनत से, चिंतित रहकर, काम करके जीने वाला था, जिसे आम जनता कहा जाता है
- दूसरा वर्ग जो जनता से छीन कर आपको देने वाला है
- जिसे आज जन सेवक के नाम से जाना जाता है
- और तीसरा वर्ग वह जो मंत्री वर्ग है
- जो वी आई पी के नाम से जाना जाता है
- आपने मिस यूज़ और सुरक्षा के नाम पर
- करीब 100% हर कानून को भेद भाव वाला बनाया
- इस भेद भाव के तहत
- आपने मंत्री वर्ग को सबसे पहले पद पर रखा
- जन सेवक को दूसरे पद पर
- व जनता को तीसरे स्थान पर रखा
- आपने जनता मे से कुछ लोगों को सामान्य से अधिक सुख सुविधा लालच देकर जन सेवक वर्ग को जनता की अपेक्षा अधिक ताकतवर बनाया
- आपके द्वारा हर कानून ऐसा बनाया गया है
- जो जनता से छीनने मे तो कामयाब है पर जनता को देने मे नही
- जो जनता की अपेक्षा थोडा कम
- जन सेवकों तक से छीनने मे तो कामयाब है पर देने मे नही
- पर यही कानून मंत्री वर्ग को देने के लिये तो कामयाब है पर लेने के लिये नही
- आप अब तक करोडों कानून और नियम बना चुके है
- भारत वासी आपसे एक कानून या नियम मांगते है
- जो भारत वासियों के आरोप को गलत सिद्ध कर सके
- यदि आप सिद्ध कर सकते है
- तो धरती पर दुनिया के सामने
- इंटरनेट पर
- लिखित मे
- अपना जबाब दें
- ना दे सके तो आप भारत वासियों के अपराधी है
- सजा आप बहतर जानते है
- छल ताकत इस्तेमाल करना शुरू तो आप कर सकते है
- हमारा उसूल छल और ताकत को अंत करने का है
- गूगल के एड्रेस बार मे shyawhdo & pohinin का नाम लिख कर हमारे विषय मे जाने
- http://shyawhdocourt.blogspot.com पर अपना जबाब देने का कष्ट करें,
- विधाता की विधि का विधान यानी principle of pohinin देखने के लिये यहां क्लिक करें
- जय धरती जय मानवता
- विश्व सेवक व रक्षक
- श्याव्ह्डो
- तारीख 20.12.2010, समय दोपहर 1.32 मि.
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