और यदि यह ऐश करने के लिये अध्यात्म को आधार बना कर किया जा रहा है, तो घोर अपराध/
अपनी व अपने आश्रितों की जीविका के लिये, सर्व हित के लिये, मनोरंजन व चिकित्सा के रूप मे किया गया असत्य चमत्कार उपहार व सम्मान योग्य है
ऐश के लिये शासन, शासन के लिये शक्ति , शक्ति के लिये धर्म समर्थकों की संख्या बढाना, धर्म समर्थकों की संख्या बढाने के लिये सत्य चिकित्सा के साथ, असत्य चमत्कार को दिखा के, सत्य चिकित्सा से राहत दे के, चमत्कार ने किया ऐसा भ्रमित करके, अपनी योजना के तहत मानसिकता बदलवाना, अन्य धर्म का उच्चारण कराना, अन्य धरम के प्रति असत्य विश्वास कायम कराना, ऐसी मानसिकता के तहत पीडित को राहत देकर, धर्म परिवर्तन कराना, घोर अपराध है, केवल आरोप लगाने वाले को जब तक यकीन न हो जाये या साबित न हो जाये कि वह आरोप गलत है, तब तक यह घोर अपराध ही रहेगा, जिसका दंड धरती वासी मिल कर तय करेंगे,
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