प्रस्तुति
लक्ष्य, धरती जीवन लोकतंत्र आजादी और सम्मान की रक्षा.
इसके लिये धरती पर समान कानून और व्यवस्था की स्थापना ज़रूरी है.
इसके लिये प्रत्येक जन्म ले चुके की सेवा सुरक्षा ज़रूरी है.
इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिये धरती वासियों का महा सैलाब तैयार है.
धरती वासियों की सीमा के तहत सभी ग्रह, प्रजाति, धर्म और देश समाहित हैं.
यह संयुक्त राष्ट्र संघ के आगे का पडाव (ऊर्ध-शिखर) है.
- संयुक्त राष्ट्र संघ धरती पर कितने प्रतिशत समान कानून व्यवस्था स्थापित करने में सफल रहा है?
- संयुक्त राष्ट्र संघ कितने समय में धरती पर समान कानून व्यवस्था स्थापित करने का अनुमान प्रस्तुत कर सकता है?
- यदि संयुक्त राष्ट्र संघ जबाब ना दे तो संयुक्त राष्ट्र संघ को धरती वासियों के साथ की गई भागीदारी तोडने का दोषी माना जाये या नही?
- संयुक्त राष्ट्र संघ के दोषी पाये जाने पर संयुक्त राष्ट्र संघ का नियंत्रण समय पर भागीदारी पूरी करने वाले का वादा करने वाले योग्य नियंत्रक के हाथों में स्थानांतरित किया जाना चाहिये या नहीं?
- यदि संयुक्त राष्ट्र संघ की खामोशी लगातार करोडों धरती वासियों की अकाल मौत का कारण बनी रहे तो संयुक्त राष्ट्र संघ के व्यवस्थापकों को बदलने की कार्यवाही सही है या गलत?
अपने सर्व-हितकारी, अनमोल, अमृत-मय राय प्रकट कर धरती जीवन लोकतंत्र आज़ादी और सम्मान की स्थापना के प्रयत्न में अपना योगदान प्रस्तुत करें,
बेबसी व मौतें हटा के रहेंगे, धरती पे स्वर्ग ला के रहेंगे.
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो
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