Release 1032 21.03.2011
सोनियां रानी, प्रणव पितामह बडे परेशान है
कही इनहीं के गार्ड यानी धरती वासी
श्याव्ह्डो की “धरती वासियों का राज” वाली बात मान कर
इनकी प्रोपर्टी ना छीन ने लगें
इनके रिमांड ना लेने लगें
इनको कैद ना कर लें
इनका क्रिया करम ना कर दें
इस लिये इन्होंने श्याव्ह्डो को खतम करने की प्लानिंग और तेज कर दी
धमकियां देना और बढा दिया
जिंदा जला देंगे
परिवार मिटा देंगे
खून की होली मुबारक
जेल मे सडा देंगे
तब श्याव्ह्डो ने कहा
हे कानून तू तो समान है
अगर तू हमे सुरक्षा ना दे सका तो
हम अपनों की जान बचाने के लिये
डकैतों लुटेरों वसूली बाजों की हत्या करने के लिये आज़ाद है,
फिर हमने धमकी देने वाले को कहा
आजा सामने
हमारा बडा मन है
तेरी खून की होली की मनोकामना पूरी करने का
तेरे जैसे लुटेरों डकैतों वसूली बाजों की लासें बिछाने का धरती वासियों का बडा मन कर रहा है
धमकी देने वाले ने अपना नाम अनिल ठाकुर कहा
धमकी इस मोबाइल न. से मिली 9820108887
धमकी देने की तारीख व समय होली का दिन्,
पहली धमकी 20.3.2011, दोपहर 12.40.45
दूसरी धमकी 20.3.2011, दोपहर 01.22.31
तीसरी धमकी 20.3.2011, दोपहर 01.24.25
इससे पहले नये साल पर परिवार को खतम करने की धमकी दी थी
इसी न. से इसी नाम से
हमारे द्वारा कानून को बताने की तारीख व समय 20.3.2011 साम 5.30.20 से 5.30.28
जन सेवक का नाम थानेदार पुल प्रहलाद पुर दिल्ली 44, श्री हरीश चन्द्र
थानेदार का मोबाइल न. 9868858722
थानेदार को 2008 से 2011 तक की भारत सरकार, सी एम दिल्ली, सी बी आई, मीडिया, कमिस्नर दिल्ली पुलिस आदि को दी गई पूरी जानकारी एक रजिस्टर पत्र द्वारा पुनः याद कराई गई,
धमकी के एस एम एस को थानेदार के मोबाइल न. पर फोर्वर्ड किया,
4 एस एम एस भेजे
धमकी देने वाले का मो न. दिया,
हमारी जान मान की हानी का जिम्मेदार कौन सवाल किया,
सी बी आइ और कोर्ट तक हमारा सन्देश देने को कहा
सुरक्षा ना दी तो
अपनों की सुरक्षा के लिये
लुटेरों, डकैतों, बसूलीबाजो की हत्या के लिये हम आज़ाद हैं कहा
सबूत करीब 6 महिने तक टैलीफोनों पर नियंत्रण करने वाली संस्था ट्राई के पास सुरक्षित है
अब सवाल ये है कि क्या लुटेरों का कानून लुटेरों को सजा दे सकता है ?
धरती वासियों का जबाब नही दे सकता
तो सवाल ये बनता है कि कौन सजा देगा ?
जबाब धरती वासी जिन्होंने इनको अपनी नौकरी पर रखा था
ये ही धरती वासी इनका क्रिया करम करेंगे
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याव्ह्डो
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