गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

Release 1129 तिहाड़ जेल से निकलते समय क्या सोच कर भारत सरकार ने हमसे ये पूछा कि अगर बच्चे को आई.पी.एस. ओफिसर या 1 करोड़ रुपये इन मे से क्या लेना पसन्द करोगे


तिहाड जेल से निकलते समय उप अधीक्षक श्री अंजली जी ने हमे जमीन पर बैठाया
फिर पूछा कि बच्चे को आई.पी.एस. ओफिसर और 1 करोड रुपये मे क्या लेना पसन्द करोगे
मेरे खयाल से उनको लगा कि में धरती की सेवा सुरक्षा धन के लिये कर रहा हूं
अगर मुझे इस काम से ना रोका गया तो भारत सरकार मे मौजूद अपराधियों को सजा मिलना पक्का है
दरअसल भारत सरकार हमारा मन लेने की कोशिश कर रही थी कि हम भ्रष्ट सोच के हैं या नही
अगर हम भ्रष्ट सोच के हैं तो कितने मे भारत सरकार के भ्रष्ट लोगों की गुलामी स्वीकार करना पसंद करेंगे
पर भारत सरकार नातो हमारा मन ले सकी ना हमारे इमान को खरीद सकी
हम अपनी धरती भक्ति की परीक्षा मे पास हो गये
और भारत सरकार का भ्रष्ट चेहरा सबूत बन कर सामने आ गया
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो

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