अस्तित्व मे जन्म ले चुकी हर बेबस बहिन
जो समाज के भेद भावी ढोंग के क्रूर कारणों की वजय से डर कर
किसी की कलाई मे राखी नही बाँध पा रही है
किसी को अपनी रक्षा के लिये नही कह पा रही है
अपना पुनः उद्धार नही कर पा रही है
यदि वह श्याडों की सूनी कलाई मे राखियाँ बांधना चाहती है
तो श्याडो अपनी सूनी कलाई उनके सामने करता है
राखी बंधवाता है
और
आजीवन समानता के साथ सभी बहनों की सुरक्षा के लिये
अपनी जान देने की भी कसम खाता है
बशर्ते वह राक्षसी ना हो
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो
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