Matter 1270, कन्याओं के सुशील होने की मैहैत्वता व परिणामों का विकसित क़ानून
किसी गृह, लोक, देश, राज्य, जिला, पार्टी, संस्था, परिवार, स्कूल, कोलेज, कैम्पस, कैम्प, फिल्मीटीम, ट्रेवल, आदि की लिबर्टी लेबल स्तर सम्मान उम्र ताकत खुशहाली शांती में महिलाओं के सुशील होने का विशेष मैहैत्व है
परिभाषायें
कन्या:- जिसे प्रजनन की कोई जानकारी न हो, जिसके साथ कभी प्रजनन ना हुआ हो, जिसे महावारी ना हुई हो, जो नवरात्रों में कन्या खिलाने के स्थान पर पूजनीय हों, बिना किसी दवा, उपायों के
सुशील कन्या:- जो प्रजनन की जानकारी रखती हो, जिसकी महावारी जारी हो, पर जिसने कभी प्रजनन ना किया हो व जिसने कभी प्रजनन के लिये अन्य वैकल्पिक वस्तुओं या टोयेज़ का इस्तेमाल ना किया हो जो अपने बाबा, पिता, चाचा, ताऊ, भाई आदि पुरुषों की निगरानी का विरोध ना करती हो जो कभी भी पल दो पल के लिये भी लापता ना हुई हो, जिसके दिमाग में कोई आपराधिक शिक्षा व षडयंत्र ना हो, जो पुरुष वर्ग यानी ससुराली पक्ष को प्रार्थमिकता दे, जो विवाह से पैहैले विवाह सुख को प्राप्त करने की चाहत को अपराध मानती हो व ना करने की इक्षा रखते हुये डरती हो,
कन्या के साथ पैहैला प्रजनन:- कन्या सिर्फ एक वर के साथ ब्याहती है पर उसे व उसके पक्षकारों को वर व वर के सभी पक्षकारों का वैध कैहैना मानना व सम्मान देना उसका कर्त्तव्य है इसके बदले वर पक्ष कन्या पक्ष के सभी पक्षकारों की सुरक्षा करने के लिये वचन वद्ध है तो यहाँ साबित होता है कन्या पक्ष बात मानने, काम करने व वर पक्ष अपनी जानों मानों सुख सम्पत्ती को दाव पर लगा कर कन्या पक्ष की सुरक्षा करने के लिये वचनवद्ध है ऐसे में ये बहुत मायने रखता है की कन्या का सील वर द्वारा ही खुलना चाहिये यानी पैहैला प्रजनन वर के साथ ही होना चाहिये और यह क़ानून भी है, पर अगर कोई संघारी गैंग या कम्पनी इस सील को अपना अधिकार मान कर या अपनी आपराधिक जीविका के लिये व्यवसाय मान कर खुले आम या चोरी छूपे या संघार कर जारी रखता है तो वह घोर दंड का अधिकारी है यदि कन्या पक्ष चोरी छूपे ऐसी कन्या का विवाह करता है तो वह अपराध है जिसके लिये वह वर पक्ष के सभी नुकसान की भरपाई का जिम्मेदार है यदि वर पक्ष को कन्या पक्ष की सुरक्षा करते हुये जखम हुये है जाने गई हैं तो दोषी कन्या पक्ष उतने लोग गुलामी के लिये वर पक्ष को देगा, अगर नुकसान हुआ है तो नुकसान भरेगा अगर वर की उम्र ज्यादा हो गई है या अन्य कोई शारीरिक नुकसान हुआ है जिसके सामान्य करने के प्रयासों के बाद भी उसे पत्नी पक्ष की सेवायें नही मिल सकी हैं तो उसे पत्नी व पत्नी पक्ष की सभी सेवायें देने के लिये लड़की भी देगा, विवाह के बाद वर पक्ष की सम्पत्ती की वर के बाद दूसरी मालिकिन मानी जाती है जब तक पुत्र जिम्मेदारी निभाने योग्य नहीं होता, तो आप समझ सकते हैं की कन्या पक्ष को सील की सुरक्षा करना व वैध बातें मानना कितना ज़रूरी है
लड़की:- जो ऊपर कही गई बातों को जानती है और अपना सील समाप्त कर चुकी है और ऊपर कही बातों का विरोध करती है पर जो ब्याही नहीं है
औरत:- जो इन कानूनी बातों को स्वीकार करती है
दोषी व अपराधी महिला:- जो इन कानूनी बातों को तोड़ती तुडवाती व समर्थन देती आ रही है,
अवैध व्यवसाय:- दोषी महिला यदि अपने आपराधिक व्यवसाय के लिये पुरुषों के वर्ग को ब्लैक मेल करने के लिये रेप, अन्य महिला अधिकारों की मांग व निकटतम आरोपों को लगाती है तो मामला अवैध व्यवसाय का बनेगा रेप व अन्य निकटतम अपराधों का नहीं
विशेषकर पुरुषों व पुरुष पक्ष के लिये:- लड़के व लडके पक्ष से ये जानकारियाँ हमेसा छुपाई जाती आ रही हैं क्यों की धरती के 214 में से 193 देशों में आपराधिक महिलाओं के षडयंत्र जारी हैं लड़कियों व लड़कियों के पक्ष को ऐसे अपराध करने छूपाने व खुलासा व जांच होने पर कानूनी सहायतायें देने की लड़की पक्ष के फेवर में फैसला देने के वर पक्ष को जलील करने की नुकसान करने की गुलामी कराने की यातना देने की मालिकी लूटने की सम्पत्ती व विरासत लूटने की कतल करने की कानूनन व आपराधिक दौनों तरह कोशिशें जारी हैं इस लिये पुरुषों को अपने वर्ग व पक्ष के साथ होते आ रहे इस पक्षपात को समाप्त करने के लिये कानूनी कारावाहियों को खुद निबटाना होगा लड़की के चक्कर में पड़ने से पैहैले या विवाह करने से पैहैले खुद सील की जाँच करना सीखना होगा विवाह से पैहैले व बाद में खुद जांच करनी जारी रखनी होगी क्यों की यह मामला परिवार खानदान धर्मं देश दुनिया को बर्बाद करने जितना खतरनाक हैं कौरवों का इन्द्रप्रस्थ रावण की लंका विश्व व देस युद्ध और थानों व महिला कोर्टों में, साइकाईट्रिस्ट अस्पतालों पागलखानों में अरबों मामले ज़िंदा सबूत है इस सील की सुरक्षा के मामले में आपको अपने अधिकार जानने हैं मानने है लेने है और इन कानूनों को प्राप्त करने व व्यवस्था को असरदार बनाने में आप की हर समस्या को दूर करेगा विश्व प्राणी न्याय व्यवस्थापक
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो
किसी गृह, लोक, देश, राज्य, जिला, पार्टी, संस्था, परिवार, स्कूल, कोलेज, कैम्पस, कैम्प, फिल्मीटीम, ट्रेवल, आदि की लिबर्टी लेबल स्तर सम्मान उम्र ताकत खुशहाली शांती में महिलाओं के सुशील होने का विशेष मैहैत्व है
परिभाषायें
कन्या:- जिसे प्रजनन की कोई जानकारी न हो, जिसके साथ कभी प्रजनन ना हुआ हो, जिसे महावारी ना हुई हो, जो नवरात्रों में कन्या खिलाने के स्थान पर पूजनीय हों, बिना किसी दवा, उपायों के
सुशील कन्या:- जो प्रजनन की जानकारी रखती हो, जिसकी महावारी जारी हो, पर जिसने कभी प्रजनन ना किया हो व जिसने कभी प्रजनन के लिये अन्य वैकल्पिक वस्तुओं या टोयेज़ का इस्तेमाल ना किया हो जो अपने बाबा, पिता, चाचा, ताऊ, भाई आदि पुरुषों की निगरानी का विरोध ना करती हो जो कभी भी पल दो पल के लिये भी लापता ना हुई हो, जिसके दिमाग में कोई आपराधिक शिक्षा व षडयंत्र ना हो, जो पुरुष वर्ग यानी ससुराली पक्ष को प्रार्थमिकता दे, जो विवाह से पैहैले विवाह सुख को प्राप्त करने की चाहत को अपराध मानती हो व ना करने की इक्षा रखते हुये डरती हो,
कन्या के साथ पैहैला प्रजनन:- कन्या सिर्फ एक वर के साथ ब्याहती है पर उसे व उसके पक्षकारों को वर व वर के सभी पक्षकारों का वैध कैहैना मानना व सम्मान देना उसका कर्त्तव्य है इसके बदले वर पक्ष कन्या पक्ष के सभी पक्षकारों की सुरक्षा करने के लिये वचन वद्ध है तो यहाँ साबित होता है कन्या पक्ष बात मानने, काम करने व वर पक्ष अपनी जानों मानों सुख सम्पत्ती को दाव पर लगा कर कन्या पक्ष की सुरक्षा करने के लिये वचनवद्ध है ऐसे में ये बहुत मायने रखता है की कन्या का सील वर द्वारा ही खुलना चाहिये यानी पैहैला प्रजनन वर के साथ ही होना चाहिये और यह क़ानून भी है, पर अगर कोई संघारी गैंग या कम्पनी इस सील को अपना अधिकार मान कर या अपनी आपराधिक जीविका के लिये व्यवसाय मान कर खुले आम या चोरी छूपे या संघार कर जारी रखता है तो वह घोर दंड का अधिकारी है यदि कन्या पक्ष चोरी छूपे ऐसी कन्या का विवाह करता है तो वह अपराध है जिसके लिये वह वर पक्ष के सभी नुकसान की भरपाई का जिम्मेदार है यदि वर पक्ष को कन्या पक्ष की सुरक्षा करते हुये जखम हुये है जाने गई हैं तो दोषी कन्या पक्ष उतने लोग गुलामी के लिये वर पक्ष को देगा, अगर नुकसान हुआ है तो नुकसान भरेगा अगर वर की उम्र ज्यादा हो गई है या अन्य कोई शारीरिक नुकसान हुआ है जिसके सामान्य करने के प्रयासों के बाद भी उसे पत्नी पक्ष की सेवायें नही मिल सकी हैं तो उसे पत्नी व पत्नी पक्ष की सभी सेवायें देने के लिये लड़की भी देगा, विवाह के बाद वर पक्ष की सम्पत्ती की वर के बाद दूसरी मालिकिन मानी जाती है जब तक पुत्र जिम्मेदारी निभाने योग्य नहीं होता, तो आप समझ सकते हैं की कन्या पक्ष को सील की सुरक्षा करना व वैध बातें मानना कितना ज़रूरी है
लड़की:- जो ऊपर कही गई बातों को जानती है और अपना सील समाप्त कर चुकी है और ऊपर कही बातों का विरोध करती है पर जो ब्याही नहीं है
औरत:- जो इन कानूनी बातों को स्वीकार करती है
दोषी व अपराधी महिला:- जो इन कानूनी बातों को तोड़ती तुडवाती व समर्थन देती आ रही है,
अवैध व्यवसाय:- दोषी महिला यदि अपने आपराधिक व्यवसाय के लिये पुरुषों के वर्ग को ब्लैक मेल करने के लिये रेप, अन्य महिला अधिकारों की मांग व निकटतम आरोपों को लगाती है तो मामला अवैध व्यवसाय का बनेगा रेप व अन्य निकटतम अपराधों का नहीं
विशेषकर पुरुषों व पुरुष पक्ष के लिये:- लड़के व लडके पक्ष से ये जानकारियाँ हमेसा छुपाई जाती आ रही हैं क्यों की धरती के 214 में से 193 देशों में आपराधिक महिलाओं के षडयंत्र जारी हैं लड़कियों व लड़कियों के पक्ष को ऐसे अपराध करने छूपाने व खुलासा व जांच होने पर कानूनी सहायतायें देने की लड़की पक्ष के फेवर में फैसला देने के वर पक्ष को जलील करने की नुकसान करने की गुलामी कराने की यातना देने की मालिकी लूटने की सम्पत्ती व विरासत लूटने की कतल करने की कानूनन व आपराधिक दौनों तरह कोशिशें जारी हैं इस लिये पुरुषों को अपने वर्ग व पक्ष के साथ होते आ रहे इस पक्षपात को समाप्त करने के लिये कानूनी कारावाहियों को खुद निबटाना होगा लड़की के चक्कर में पड़ने से पैहैले या विवाह करने से पैहैले खुद सील की जाँच करना सीखना होगा विवाह से पैहैले व बाद में खुद जांच करनी जारी रखनी होगी क्यों की यह मामला परिवार खानदान धर्मं देश दुनिया को बर्बाद करने जितना खतरनाक हैं कौरवों का इन्द्रप्रस्थ रावण की लंका विश्व व देस युद्ध और थानों व महिला कोर्टों में, साइकाईट्रिस्ट अस्पतालों पागलखानों में अरबों मामले ज़िंदा सबूत है इस सील की सुरक्षा के मामले में आपको अपने अधिकार जानने हैं मानने है लेने है और इन कानूनों को प्राप्त करने व व्यवस्था को असरदार बनाने में आप की हर समस्या को दूर करेगा विश्व प्राणी न्याय व्यवस्थापक
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो
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