इलेक्सन कमिसन औफ़ इन्डिआ नही सन्घारी
सन्घारी की अवैध ताकत आर्यवर्ष के कार्यालयों मे साफ़ दिखती नज़र आई
इलेक्सन कमिसन औफ़ इन्डिआ के औफ़िस में बात करते समय जय हिन्द जय भारत पार्टी के गुप्ता जी ने कहा कहां नैसनल पार्टी बनाने जा रहे हो समय कम है हम 2007 से रजिस्टर्ड है हमारे साथ आ जाओ, ये हैं हमारे राष्त्रीय अध्यक्ष श्री चतर सिन्ग कश्चप ये है हमारा कार्ड
वहीं एक व्यक्ति ने हमारा कोट सम्हालते हुये [सभ्य बदमासी के साथ] कहा सिर्फ़ पार्टी बनाओ नैस्नल पार्टी नही
रिसेप्सन ओफ़िसर की जैकेट पर यूएसए यानी अमरीका के लोगो पर सवाल करने पर ओफ़िसर ने कहा इसे छोडो अपना काम बताओ
एक झूला निशान की पार्टी की शिकायत नजरन्दाज करते हुये इलेक्सन कमिसन औफ़ इन्डिआ के जिम्मेदार औफ़िसर ने बेहद सभ्यता से कहा हमारी शुभ कामनायें आपके साथ हैं
एक झूला निशान की पार्टी के शिकायती ने कहा हमारे लोकतन्त्र के तैहैत अधिकार मागने पर इलेक्सन कमिसन औफ़ इन्डिआ के जिम्मेदार ओफ़िसर ने कहा अन्दर कर देंगे
एक झूला निशान की पार्टी के शिकायती ने ई क ई से कहा तानाशाही करते हो हमने की तो क्या होगा
एक और व्यक्ति ने जानकारी ले कर कहा ई क ई में तो बदमाशी चलती आप तो शरीफ़ हो
दो रिसेप्सन ओफ़िसर्स को देश के माननीय पदाधिकारियों के प्रति अपमानित व्यवहार करते हुये पाया गया
तीसरे रिसेप्सन ओफ़िसर द्वारा हमसे हमारे विषय में इन्डाइरेक्टली जानकारी ली गई जानकारी लेने के बाद झूठी खुशी जाहिर करते हुये उन्होने कहा हम आपसे सम्पर्क करेंगे देखते है आपकी फिजिकल पावर क्या आपकी कोई शर्त भी है हमने कहा नही बस आप को राम रास्ते ही चलना है सुपड्खां रास्ते नहीं वह नाखुश होते हुये बोले राम के समय में भी तो कतल हुये आप राम का नाम नही… यहां चार लोग हैं जो तुम्हें… उनकी बात काटते हुये उन्हें बताया गया कि यहां राम का मतलब कानून पर चलना व सुपडखा का मतलब वैश्या व सन्घार मार्ग पर चलना है उन्होंने कहा आपने शायद बाल्मीकी की रामायण नहीं तुलसीदास की रामायण पढी है हमने कहा कि अभी भी विवाद है कि किस की रामायण असली है हमने तो तीनों रामायणों मे से जिसकी बात व्यवस्था को बनाने व विकाश करने में समर्थन देती है उसी का इस्तेमाल करना जारी रखा है हमारे इन्स्टाग्राम पर एक विडियो के तैहैत हमें बताया गया कि राम और सुपन्खा में सुपन्खा का समर्थन किया जायेगा तो हमने उन्ही शब्दों का इस्तेमाल किया जो आसानी से समझने में आ जाते है सुपन्खा का रास्ता कर्म हीनता व वैश्या व्रित्ति व सन्घार करता है व लन्का दहन पर ही समाप्त होता है उन्होंने कहा सुपन्खा को राम जी ने कहा कि में तो शादी शुदा हूं आप कुवारे लक्षमण के पास जाइये राम ने झूठ कहा कि लक्षमण कुवारे हैं पर लक्षमण तो शादी सुदा थे उन्हे बताया गया कि ये वह शब्द है जिन्हे मीडिआ द्वारा सार के लिये उच्चारित किया जाता आ रहा है तुरन्त सार समझ आये इसी लिये इन शब्दों राम व सुपन्खा का इस्तेमाल किया गया, सत्य ये है कि तीनों ``तुलसीदास बाल्मीकी रामानन्द`` में से कोई भी रामायण हो जो बात आधुनिक जीवन व विकास की व्यवस्था को बनाये रखने में सैहैयोगी हो वही उच्चारित की जा रही है राम ने ये कहा था कि में पुरुषोत्तम पद से बधा शपथ ग्रहिता राजा हूं आप उस से बात कर के देखो राम तो जानते थे कि लक्षमन राम का विनाश अपमान व षडयन्त्र नही देख सकते जो करने की सुपन्खा ने सोची थी तो वह जरूर कुछ ना कुछ ऐसा करेंगे जिससे ये भी चली जाये और उनके हाथों कोई मारपीट भी ना हो पाये बार बार लक्षमण द्वारा सुपणखा को टालने के प्रयास करने पर व सीता के अधिकारों की लूट दिखने पर लक्षमण ने सुपण्खा को बार बार दूर किया होगा यहां हम सोच सकते हैं कि जब एक स्त्री कामातुर होती है तो वह पुरुष के हाथों को अपने हाथों के बल से अपने निजी अन्गों व चैहैरे को सैहैलाने के लिये प्रयास करती है यदि उस समय ऐसा हुआ होगा और सारुखखान की तरह लक्षमण ने भी सुपन्खा के चैहैरे पर अपना हाथ रख उसे धकेला होगा तो उसकी नाक पर दबाब पडा होगा जिससे उसकी नक्सीरी का टूट कर बैहैना सामान्य है जिसे सुपन्खा के द्वारा जखम में परिवर्तित कर रावण की अदालत में झूठे एविडेन्स के रूप में पेस किया होगा राज वन्स के पुरुषों को महिलाओ की कमी नही होती इसी लिये वह सुपन्खा में भी इन्ट्रेस्टिड नही हुये होगे पर जब सुपन्खा ने अपनी हद पार कर सीता पर हमला बोला तब लक्षमण ने उसकी गर्दन काटने कि वजाये सिर्फ़ अपमानित करना उचित समझा होगा और गुस्से में उसके मूं पर अपना हाथ रख पीछे की और धकेला होगा लक्षमण के हाथ सखत थे खरोच का आना सम्भव है पर खरोच को जखम बनाने व रावण के सामने तिल का ताड बनाने में माहिर सुपन्खा ने अपने भाई सहित पूरी लन्का को अपनी हवस के हवाले कर दिया रेप महिला वर्ग की तरफ़ से ही होता है ये हम अपनी व अपनों की रीअल लाइफ़ में सिद्ध कर चुके हैं यहां उन महिलाओं की बात हो रही है जो राज नीति को अपने जीवन का आधार बना चुकी है जीसका मतलन है सन्घार गुलामी व धोखा हम साबित करते हैं जैसे कोर्ट की सजा सन्घार नही दन्ड होती है वैसे हि भगवान श्री राम राजा या रावण के समय में हुये कतल कतल नही दन्ड थे जिन्हें कतल साबित करना किसी के बस की बात नही युद्ध में मरे लोगों की बात करें तो जो सिपाही समानता से वैभव व कर्म की व्यवस्था के लिये मरता है तो वह बलिदान शहीद व्यवस्था भक्त है इसके विपरीत सन्घारी, कुल मिलाकर पाया गया कि आर्यवर्षी व्यवस्था को बनाने व विकाश करने वाले वर्ग की जगह एक आर्यविनाशी गैन्ग ने ले रखी है इसी लिये वह गैन्ग धरती पर सत प्रतिशत अपराधों के षडयन्त्रों के तैहैत करीब पौने छै करोड हत्यायें हर साल करना जारी रखे हुये है ध्यान रहे कि इसमें रामायण कुरान बाइबल को पूजने वाले भी सामिल हैं हम उस मासूम निर्दोष कर्म कर कतल होने वाले वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हुये यह कैह रहे है जो कभी जान ही नही पाता कि वह जिसकी शरण व कैद में है वही उसे जोत कर उसकी हत्या करने का षडयन्त्र जारी रखे हुये है कुल मिला कर यह साबित हुआ कि आर्यवर्ष में आर्यनाशी व अन्य 254 देशों में उनके ही सन्साधनों का इस्तेमाल कर उनके ही विनाश की हरकतों का किया जाना जारी है जो विश्व कुव्यवस्था का सबूत है, यदि हम आर्यवर्श को आर्य वर्षियों के तैहैत नही ला सके तो 254 देशों को सीमा हीन कैसे बना सकते हैं, प्रयास जारी है प्रत्येक मानव प्रिथ्वीवासी कैहैलायेगा बहुत जल्द ये सम्भव होगा इस लिये विश्व प्राणी न्याय व्यवस्था, जो प्रिथ्वी के हर प्राणी को राजावैभव व श्रमकाम दौनौ को समानता से लेने देने के लिये कार्यरत है
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो
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