शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

Matter 1378B : 1. काम अधिकारों व अपराध दण्डों का आधार है


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काम अधिकारों व अपराध दण्डों का आधार है

2.       सभी प्राणियों के सात्विक स्वभाव [शिकार] को रोक नीति, विधि, विधान के तैहैत काम करा कर अधिकार दे कर जीवन जीने के लिये मनाना समझाना [राजी करना] ही मानवीय [कानूनी] व्यवस्था है

3.       यदि कोई वर्ग इस कानून के विपरीत या दौनों [शिकार व कानून, प्यार और जन्ग में सब जाइज़ है] ऐसे बुरे सिद्धान्तों व रास्तों का प्रयोग कर जीता व जियाता है तो वह आदिवासी वनवासी जानवरव्रित्ती निरन्कुश आज़ाद, सात्विक, शिकारी, कुव्यवस्थायी, अपराधी व इनका गिरोह है

4.       जिसे मानवीय, कानूनी, मोड्रन, गोचेज़, स्मार्ट, स्टाइलिस बनाना मानवीय कानूनी व्यवस्था का कार्य है

5.       ये ही मानवीय कानूनी व्यवस्था अर्थात सिस्टम है

6.       किसी भी कानूनी प्राणी व प्राणियों के वर्ग को यातनायें देकर, अधिकार लूट कर, कुव्यवस्थाई बनने को विवस करना व बनाना कुव्यवस्था अर्थात शिकारी, सन्घारी, कुव्यवस्था यानी डीसिस्टम है

7.       कानूनी मानवीय व्यवस्था द्वारा इन कुव्यवस्थाइयों को कानूनी बनाना अर्थात इन के अपराध रोक इनसे काम करा इन्हें व्यवस्थाई बनाने के प्रयास जारी रखना सिस्टम जारी रखना है

8.       कुव्यवस्थाइयों की जगह सिर्फ़ व्यवस्थाई शिक्षाकाराग्रह [इन्टर्नैसनल जेलों] में ही है

9.       काम, व्यवसाय, बिजिनैस, प्रोफ़सन के नाम पर अपराध शिकार सात्विक हरकतें नही कराई जा सकती, ऐसा कुव्यवस्था है

व्यवस्था स्थापित करने के लिये प्रयासरत  

श्रीपक

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