रविवार, 27 अक्तूबर 2019

Matter: 1417 …क्या इस बार भी कलियुग श्रिष्टि व्यवस्थापक के सामने विलाप, क्षमायाचना, जीवनदान भिक्षा की अपील, न्रित्य, गान कर, व्यभशालाओं, मधुशालाओं, यातनाग्रहों, नगरपार कुख्यात स्थलों में जीवन व्यतीत करने की इजाजत लेने में सफ़ल हो जायेगा



एक अन्जान असुर की कठोर तपस्या ने
फ़िर से असुरों की सुरक्षा के लिये
श्रिष्टि व्यवस्थापक से
अमरित लेने के लिये
कठोर तप जारी रखा है
उसे लगया है कि वह इस बार भी इस कठोर तप के द्वारा श्रिष्टि व्यवस्थापक से
असुरों के लिये अमरित लेने में सफ़ल हो जायेगा
ये बता पाना तो बहुत मुस्किल है कि क्या होने वाला है
पर इतना तो साफ़ हो ही चुका है कि उस असुर की कठोर तपस्या का दर्द
श्रिस्टि व्यवस्थापक का ध्यान अपनी और खींचने में सफ़ल रहा है
श्रिष्टि व्यवस्थापक को ये सोचने पर विवस कर चुका है कि
चाहे ये असुरों का प्रतिनिधित्व कर्ता ही सही,
चाहे ये तप उसका षडयन्त्र ही सही
पर इस असुर के जितना चाहने वाला भक्त,
और असुरों के लिये इतना दर्द व जलालत सैहैने वाला
और असुरों के लिये मिटने को तैय्यार जां बाज़
अपनों का त्याग करने को तैय्यर
अपने आसुरी साम्राज्य के सुखों भोगों को त्यागने को तैय्यर 
ये उच्च गुणवक्तायें तो श्रिष्टि व्यवस्थापक को आज तक किसी भी सुर के अभिनन्दन व पूजन में भी नही मिली थी
क्या इस बार भी कलियुग श्रिष्टि व्यवस्थापक के सामने विलाप, क्षमायाचना, जीवनदान भिक्षा की अपील, न्रित्य, गान कर, 
व्यभशालाओं, मधुशालाओं, यातनाग्रहों, नगरपार कुख्यात स्थलों में जीवन व्यतीत करने की इजाजत लेने में सफ़ल हो जायेगा

ये असुरों का राजा अपनी सेना सहित आज तक हर असुरी कार्य को करता कराता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा
पर साथ साथ श्रिष्टिव्यवस्थापक की कठोर तपस्या कर इस असुर ने अपनों सहित असुर वर्ग के लिये श्रिष्टिव्यवस्थापक की स्म्रिती में सेफ़ साइड बनाने में भी काफ़ी हद तक सफ़लता प्राप्त कर ली है
क्यों कि वह असुर जानता है कि सुरों की आंधी इस समय किसी भी असुर व असुरी वर्ग को निस्तोनाबूत करने में सफ़ल है
यानी ये असुर डिप्लोमेसी को इस्तेमाल करने का भी धुडन्दड सुपरडिप्लोमैटिक है 
और ये भी बहुत अच्ची तरह जानता है कि श्रिष्टिव्यवस्था के तैहैत क्षमा करना कराना ही श्रिष्टि व्यवस्थापक की हर बार की कमजोरी है
जो एक को व्यवस्थापक व दूसरे को विध्वन्सी बनाये हुये है
महाभारत, वर्ल्डवार, रैगुलर डिप्लोमैसी के बाद इनका अपग्रेड लेटेस्ट वर्ज़न
महाश्रिष्टि के रचनाकार
श्रिष्टि व्यवस्थापक
श्रीपक

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें