जिम्मेदारियों का दर्द आज़ादी का शौक बन कर पतनियों से गलतियां कराता ही रैहैता है
ये गलतियां पतनियों को दण्ड योग्य साबित कर देती है
पतनियों को इस दण्ड से बचाने के लिये धर्म गुरुओं द्वारा युक्ति व अवसर प्रदान किया जाता आ रहा है
ये युक्ति व अवसर 99*99 प्रतिशत तक वैधानिक व कारागर है
इसी युक्ति व अवसर को कर्वाचौथ मेलडे कहा जाता है
ये पतियों द्वारा पतनियों की गलतियों को एक तरफ़ रख क्षमा कर भूल शान्ति सहित परिवार देश विश्व व्यवस्था को चलाने का विधान है
इसका अस्थिर होना प्रलय की शुरुआत का कारण बनता आया है
इतिहास व वर्तमान इस बात का साक्ष्य है
मोड्रन हिन्दू युग में पतियों की ये महानता आज भी परिवारों को बना रही है
देखें https://youtu.be/JDzXR_mV_fI?t=7147
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