सोमवार, 4 जून 2012

Release 1164 यदि सदैव नाम और सुख प्राप्त करना चाहो तो इस मन्त्र के सन्देश को अपनाना ही होगा “सत्यम शिवम सुन्दरम”

सत्य है कि एक दिन सबको मरना है
धरती पर दो तरह के लोग है
1 पहले जो इश सत्य को जानते है जिन्हें ब्रम्ह-ज्ञानी कहते है  
2 दूसरे वह जो इस सत्य को नही जानते जिन्हें अज्ञानी कहते है
ब्रम्ह-ज्ञानी दो तरह के होते
1 पहले जो समानता से सबकी सेवा व सुरक्षा के लिये अपना जीवन दाव पर लगा कर जीते है इनको अवतार कहते है      
2 दूसरे वह जो भेद भाव द्वारा सिर्फ़ अपनी सेवा व सुरक्षा के लिये दूसरों का जीवन दाव पर लगा कर जीते है इनको राक्षस कहते है
अज्ञानी वह लोग होते हैं जो अवतार और राक्षस मे जिस समय जिसकी ज्यादा ताकत होती है उसके साथ होने का दिखावा करते है इन्हें ही गुलाम कहते है
इस लिये समानता से सबकी सेवा व सुरक्षा के लिये अपना जीवन दाव पर लगा कर जियो
ताकि धरती जीवन लोकतन्त्र आज़ादी और सम्मान के रक्षक यानी अवतार कहला सको
ये ही विचार सुन्दर है
जो सत्यम शिवम सुन्दरम के मन्त्र द्वारा हर मानव को मानवता का सन्देश देता है
जिसके कारण नाम और सुख प्राप्त होता है
इसके विपरीत बदनामी और दुख ही प्राप्त होता है
इस लिये यदि सदैव नाम और सुख प्राप्त करना चाहो तो इस मन्त्र के सन्देश को अपनाना ही होगा
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो

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