शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

Release 1101 कुछ शब्द व शब्दों के सरल अर्थ और भावार्थ



सत्यपाल =
सत्यपाल विधाता की विधि का विधान का ही नाम है, यह मूल उद्देश्य को प्रकट करने में व बोलने मे व समझने मे आसानी को ध्यान मे रख कर, स्थापित किया गया छोटा शब्द है 

अपराध =
अस्तित्व मे, जीवन को बेअसर व नष्ट करने वाली सोच, योजना, कार्य, शिक्षा, सन्देश, संकेत, खेल, मनोरंजन, साहित्य, प्रचार, व इनसे मिलते जुलते कार्य जो इसी तरह का प्रभाव डालने मे सक्षम हों, चाहे वह व्यवस्था मे लिखे जा चुके हों या नही यह सब अपराध हैं
 
घोर अपराध =
अपराधी, अपराध करने के लिये, अपने विरोधी, अपराध समाप्त करने वाले को, जब अपराधी साबित करने के लिये, योजना बनाता है, योजना को लागू करता है, योजना मे सफलता पाता है, तब और अपराध के लिये, ईश्वर द्वारा निर्मित शारीरिक, संरचना जिसमे (मानव, जीव, जंतु, वनस्पति, भू सम्पदा, आत्मा, ईश्वरीय संकेत रूपी आदेश जैसे (टोस)) को, विकल्प होते हुये, ऐश के लिये, जख्मी करता है, नष्ट करता है, संरचना को खाता है, इस्तेमाल करता है, लेन देन करता है, तो यह घोर अपराध है            

हिंसा
सत्यपाल व्यवस्था को, अपमानित, बेअसर, नष्ट करने की चाहत रख कर, किसी अन्य को, अपने साथ लेना, मजबूर करना, मानसिक दुविधा मे बाँध देना, खुरच देना, जख्मी व अपाहिज कर देना, हत्या कर देना व इन्ही उद्देश्यों को पूरा करने वाले अन्य कार्यवाहियां हिंसा है        
अहिंसा
हिंसा के विपरीत सत्यपाल को सम्मान देने वाली और असरदार बनाने वाली, लागू करने वाली, प्रचार करने वाली, सभी कार्यवाहियां अहिंसा है,

प्रस्ताव
सत्यपाल को और असरदार बनाने के लिये, लागू करने के लिये , प्रचार करने के लिये , सम्मान देने के लिये , व इन्ही उद्देश्यों को पूरा करने वाले सभी कार्य जो सत्यपाल के तहत लिखे जा चुके है और जो नही लिखे जा सके है उन्हें सदैव सम्मान दिया जायेगा, स्वीकार किया जायेगा, सत्य पाल मे जोडा जायेगा, व यदि कभी भी ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रस्ताव सत्यपाल को बेअसर व नष्ट कर रहा है तो उसे तुरंत रद्द कर के पुनः सत्यपाल को स्थापित कर दिया जायेगा
                      
दंड
अपराध को नियंत्रित करने के लिये दी जाने वाली मानसिक बन्दिश व दुविधा, अधीनता, विवशता, दूरियाँ, गुप्तता,  सभी सूचना नष्टीकरण, दंड है

सुधार तरीका 
यानी बाल दंड, बच्चों को सत्यपाल के तहत सिखाते समय यदि बच्चा शैतानी करता है तो बच्चों के साथ सुधार तरीका अपनाया जायेगा, यह तभी असर करेगा जब बालक के पास बालक को दी जाने वाली शिक्षा के अलावा अन्य शिक्षा का ज्ञान नहीं होगा
सम्मान न. काट देना
सम्मान कम करना
दोस्तों से अलग करना
गन्दा बच्चा,
फेल बच्चा,
ढीला बच्चा,
कमजोर बच्चा,
कम अकल बच्चा,
सुस्त बच्चा, आदि पुकारना
जमीन पर बैठो
दीवार की तरफ मुँह करके खडे हो जाओ
बच्चे के बाल मजाकिया अन्दाज़ मे कर के जैसे सींग उग गया हो, करके दोस्तों के व परिजनों के पास भेजना
पर ध्यान रहे कि बालक पर असर पडने की सीमा से आगे ना जाया जाये यानी कोई एक सुधार तरीका ही इस्तेमाल किया जाये
जब यह तरीका असर कम कर दे
तब दूसरा फिर तीसरा इस क्रम से चला जाये
यह शिक्षा के लिये व्यवस्थापक की सच्ची महनत है दंड नही

क्रूरता
सत्यपाल को बेअसर व नष्ट करने की चाहत को पूरा करने के लिये, दी जाने वाली शिक्षा, मानसिक बन्दिश व दुविधा, अधीनता, विवशता, दूरियाँ, गुप्तता, मस्तिस्क सूचना नष्टीकरण, अपहरण, खुरचना, किरोदना, गोदना, अपाहिज करना, मनसिक व शारीरिक दर्द देना, घायल करना, इन्ही उद्देश्यों को पूरा करने के लिये साहित्य, कहानियां, चित्र, चल चित्र, आवाज़, संगीत, उपहार, प्रोत्साहन क्रूरता है,                      

युद्ध
अधिकतर की हां की मरजी की, सहमति प्राप्त करने मे असफल व्यक्ति व समूह, जो सत्यपाल का विरोध करता है, जो अपराध करता है, या जो जीत या मौत के इरादे से गुप्त या खुलकर कार्यवाहियाँ करता है, व इसके अलावा सत्यपाल के तहत जो लिखा जा चुका है और जो नही लिखा जा सका है पर जो इन्ही उद्देश्यों की पूर्ती के लिये किया जा रहा है युद्ध है

           
विकास
वि+का+स=विकास
वि का मतलब विशाल, विश्व स्तरीय, विराट, विकट, विश्वासी     
का का मतलब कार्य काम कार्यवाही काज   
स का मतलब समान, सभी, सत्य, सही
यानी समान रूप से सत्य को स्थापित करने वाली कार्यवाहियां

विनाश
वि+नाश=विनाश 
वि का मतलब विशाल, विश्व स्तरीय, विराट, विकट, विश्वासी    
नाश का मतलब नष्ट
यानी विशाल, विश्व स्तरीय, विराट, विकट, विश्वास का अंत

मनोरंजन
मन+उ+रंग+जन,
मन = समझ
उ = उमंग, चाहत
रंग = खुशी
जन = मानव
यानी आपकी समझ, आपकी चाहत पूरी करने वाली, मानवों द्वारा दी गई सही खुशी मनोरंजन है



      
     
        

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