गुरुवार, 3 मई 2012

Release 1152 Relaese 1052, संसद भारत सरकार स्पीकर लोक सभापति श्री मति मीरा कुमार के कार्यालय मे श्याडो के मोबाइल 9868247312 द्वारा की गई बातचीत का साक्षात्कार,

हमने 2 मई 2012 को speakerloksabha@sansad.nic.in पर 2 ईमेल किये 

फ़िर 3 मई 2012 सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर स्पीकर लोकसभा के 23014011 पर काल किया और रिसीव्ड नम्बर मांगा, झूठ बोलने वाले अन्दाज़ मे, धीमी और धोखे भरी आवाज़ में जबाब मिला ईमेल पार्लिआमेन्ट मे रिसीव्ड होते है, आप पर्लिआमेन्ट मे बात कर लीजिये, हमने कहा वहां का नम्बर बता दीजिये बोले 23017914, हमने दूसरा नम्बर मांगा, बोले नही है, हमने कहा थैन्क्स

आज आप ईमेल को किसी भी कम्प्यूटर व मोबाइल से कहीं भी पढ सकते है  
और ये सम्भव नही की भारत के सबसे ऊचे पद लोकसभा पति माननीय मीरा कुमार या उसका स्टाफ़ ये बात ना जानता हो, यानी जान कर गलत किया गया,

आज हर सरकारी अधिकारी के पास कम से कम 2 नम्बर जरूर दिये जाते है ये दूसरी बात भी गलत सिद्ध हुई,    
 
हमने सुबह 11 14 मिनट पर 23017914 पर दो बार काल की, बीस-बीस बैल बजने के बाद फोन औटोमैटिक कट गया पर श्री मति मीरा कुमार व तैनात स्टाफ़ ने फ़ोन नही उठाया, कारण इन सरकारी लोगों को पता चल गया था कि श्याडो रिसीव्ड मांग रहा है यदि श्याडो रिसीव्ड लेने में कामयाब हो गया तो मुद्दा कानूनी शुरू हो जायेगा, इसी लिये सरकारी लोगों ने फोन नही उठाया,

ये लोग जिस तरह गलत करते है उसकी योजना कुछ एसी होती है
शिकायत ना लेना
विलम्ब कर के जीवन काल व जीविका की हत्या करना
धमकाना
सौदा करना, सम्मान के साथ उपहार देना, दिव्य क्रिपा व आशीर्वाद देना,    
तडपाना,
कैद कर लेना
लापता व हत्या,
यदि मामला जनता में फ़ैल चुका है तो मीडिया द्वारा गलत प्रचार कराना, दोषी बनाना तडपाना और मार देना,

हमने दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर इनके दूसरे नम्बर 011 2317795 पर कौल की, जबाब मिला बिज़ी है थोडी देर में कौल करे,
हमने करीब 3 सैकेन्ड बाद फ़िर फ़ौन किया बैल जाती रही पर स्टाफ़ के होते हुये भी किसी ने फ़ौन नहीं उठाया
क्या ये सम्भव है कि महामहीम लोक सभापति माननीय मीरा कुमार के कार्यालय से तीन सैकेन्ड मे सभी स्टाफ़ गायब हो जाये, वो भी काम के समय,

दोपहर 1 बजकर 20 मिनट 011 23017795 पर फ़िर से काल की
7 बैल जाने के बाद एक महिला ने धीमी और विवशता भरी आवाज़ में        काल उठाई जैसे ही हमने अपना परिचय दिया रिसीवर दूसरे अधिकारी को दे दिया दूसरे अधिकारी से बात की तो अन्य अधिकारी की आवाज़ आई 15 नम्बर पर लाइन दे दे, काल 15 नम्बर पर दे दी गई, उनको फ़िर से परिचय दिया बोले 2 बजे के बाद फ़ोन करना, हमने कहा हम महामहीम जी के कार्यालय मे सुबह से 6 फ़ोन कर चुके है कोई नही सुन रहा हमने जन हित के लिये 2 ईमेल किये है हमे उसकी रिसीव्ड चाहिये बोले कब किया हमने कहा कल, बोले एक दिन मे थोडा मिलेगा कागज, हमने कहा औटो रीप्लाई तो मिलनी चाहिये, बोले वो नहीं होती, फ़ैक्स निकलेगा मार्क होगा तब सोचकर भेजा जायेगा, आप 2 बजे के बाद बात कर लेना, हमने कहा 2 बजे के बाद आप हमे हमारे श्याडो वाले ईमेल के नाम पर रीप्लाई दे देना, बोले ठीक है, हमने पूछा your good name please अनसुनी करके काल काट दी,
लेख समाप्ति 3.may.2012 12:48:48 PM,

2 बजकर 1 मिनट पर 011 23017795 पर हमने फ़िर से काल की यह बात 6 मिनट तक चली, यह बात करने वाले अधिकारी ने अपना नाम विवेक बताया, वह भी किसी और से बात करने के लिये पूछने लगे, विवेक बोले आपकी किससे बात हुई थी हमने कहा नाम पूछने पर उन्होने फोन काट दिया, हमको भी इन्टरनैसनल मीडिया को जबाब देना है, हमने कहा हमे सिर्फ़ रिसीव्ड नम्बर चाहिये ताकि हम आगे स्टेटस जान सकें, विवेक बोले आपने किसको मेल किया है, हमने माननीय मीरा कुमार जी का नाम बता दिया, हमने कहा यह भारत का नही भारत तो कन्चे जितना है ये धरती स्तर का मामला है, करोडों मौतें हो रही है जब आप ऐसे मामले को अहमियत नही दे रहे तो आम इन्सान के मामले को क्या अहमियत देंगे, हमने सुबह से आपकी चार गलत बातें पकडी है, मेल को मोबाइल व किसी भी कम्प्यूटर से कहीं से भी खोला जा सकता है, आप गलत बात कर रहे है, जो आप ने इतनी देर बाद भी रिसीव्ड नम्बर नही दिया, सभ्यता से बोले नही हम अहमियत दे रहे है हम तो छोटे से अधिकारी है, अपना नाम नम्बर बता दीजिये हमने बता दिया, हमने कहा हमारे मेल पर रीप्लाई दे दीजिये, बोले जरूर दिलवा रहे हैं, लेख समाप्ति समय Thursday, May 03, 2012 14:16

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