सोमवार, 18 जुलाई 2011

रिलीज़ 1063 धरती व भारत के अव्यों व सफल व्यवस्थापकों को इस सन्दर्भ मे विचार करना श्रेष्ठ होगा

अव्य
असफल व्यवस्थापक
अव्य उन लोगों के लिये इस्तेमाल होने वाला शब्द है
जो जनता की जानकारी को
अपने निजी स्वार्थ के लिये
सुरक्षा की आड लेकर
गुप्त नीति के तहत
अपने पिता यानी जनता व रक्षकों को नही बताते
तब ये ही अव्यता अनंत अव्यों की हत्याओं का कारण बन जाती है
ये अव्य सफल व्यवस्थापकों की हत्या का कारण बन जाते है
सफल व्यवस्थापकों को परिस्थिति अनुसार अव्य का साथ छोड कर अपनी सच्चाई की जीवन शैली के साथ जीना उत्तम विकल्प है
अव्य सफल व्यवस्थापक का कभी सगा नही होता
तो सफल व्यवस्थापक यह जानते हुये भी अव्य के लिये पाप क्यों करता है
जबाब है अव्य का फैलाया हुआ मधुर माया जाल
जिसे सफल व्यवस्थापक समझता व जानता है
और 100% सफल व्यवस्थापक यह करते भी है
इसी लिये हर सफल व्यवस्थापक ही धरती पर स्वर्गीय व्यवस्था का आधार है
हे सफल व्यवस्थापक बदलाव का समय आ चुका है         
धरती व भारत के अव्यों व सफल व्यवस्थापकों को इस सन्दर्भ मे विचार करना श्रेष्ठ होगा
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो

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