बुधवार, 24 अगस्त 2011

Release 1084 पुकार



युगों से बलात्कार को झेलती आ रहे माता ने
आज फिर से आस लगायी है
कि उसके दबंग लाल उसकी लुटती आबरू को बचाने में सफल होगें
अपनी इज्जत के लुटते समय करहार करहार कर अपनी इज्जत को बचाने के लिये पुकारती माता ने पुकारा

पुकारती है ज़मी पुकारता चमन
पुकारती भारती आ मेरे दबंग
वंदे मातरम   वंदे मातरम   वंदे मातरम   वंदे मातरम      

लुटति आबरू को बचाना है तुझे
लूट को जड सहित हटाना है तुझे
लोकतंत्र को बसाने का बना तू मन
पुकारती है भारती आ मेरे दबंग 
वन्दे मातरम   वन्दे मातरम   वन्दे मातरम    वन्दे मातरम




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