रविवार, 28 अगस्त 2011

Release 1087 सरकारी लोगों ने विलम्ब व बहलाने के हथियार से एक बार फिर से धरती वासियों को हरा दिया

यदि उन सभी लोगों का प्रचार होता जो इस आन्दोलन के लिये सचमुच अपनी जान की परवाह किये बिना सामिल हुये थे तो सरकारी लोगों की हिम्मत नही थी की वह विलम्ब व बहलाने के छल का इस्तेमाल करके अन्ना (अण्णा) को अपने वचन से पीछे हटने के लिये विवश कर पाते
सिर्फ में ही हूं यह धारणा गलत नेताओं का हथियार है
सत्य के आन्दोलन मे यह धारणा कभी सफल नही हो सकती
इस धारणा से आप का नाम बढ जाता है जो बढा भी है
पर सफलता नही मिलती, जो नही मिली है
आप अपने पुराने, विद्वान समर्थकों को खोते जाते है, जिनको खोया भी है 
आह्वान के लिये जब आप सन्देश देते है उस समय जो ईमान्दारी आप के सन्देश मे होती है वह आमने सामने भी जताना जरूरी है
आप मजबूरी का वास्ता की जगह सवालों के संतुष्ट जबाब देकर अपने समर्थक बनायेंगे तब सत्य का मजबूत आधार बनेगा
हर कानून छल होता है आपको समस्या के समाधान के आधार पर सोचना और चलना है ना कि गलत कानून के                 
आप किसी समर्थक को उसके स्वतंत्र विचारों को प्रकट करने से ना रोकें
ऐसा करने से आप उस मुद्दे का समाधान ढूँडने मे विफल हो जायेंगे
जिस मुद्दे को समर्थक ने उठाया है
जो आप की असफलता का कारण है 
आप चाहत ना रखें की कोई समर्थक आपके अधीन काम करे
आप चाहत रखें कि समर्थक समानता के साथ आप के सही लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये साथ काम करे     
इन कमियों को पूरा करने के बाद 1 लाख की जगह 1 समर्थक ही आन्दोलन का रुख पलट देगा और सफलता देगा, सफलता का भ्रम नही  
जो असरदार लोकतंत्र होगा
जय धरती जय मानवता
विश्व सेवक व रक्षक
श्याडो

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें